“नौकर”- सारांश
यह पाठ अनु बंद्योपाध्याय द्वारा रचित है, जिसमें महात्मा गांधी के कार्यशैली, सेवा भावना और जीवन के प्रति उनके दृष्टिकोण को स्पष्ट रूप से व्यक्त किया गया है। गांधी जी का जीवन हमें यह सिखाता है कि व्यक्तिगत मेहनत, दूसरों की सेवा और समानता का आदान-प्रदान कितना महत्वपूर्ण है। वे स्वयं अपने कार्यों में गर्व महसूस करते थे और दूसरों को भी उसी रास्ते पर चलने के लिए प्रेरित करते थे।
गांधी जी की कार्यशैली
गांधी जी का जीवन साधारण लेकिन प्रेरणादायक था। वे अपने आश्रम में शारीरिक श्रम को महत्व देते थे। आश्रम में रहकर, वे हर प्रकार के काम करते थे, जैसे:
- आटा चक्की पर काम: गांधी जी गेहूँ को खुद पीसते थे, जिससे वे न केवल शारीरिक श्रम करते, बल्कि यह भी दर्शाते थे कि हर काम का महत्व है।
- कुएँ से पानी निकालना: उन्होंने यह कार्य रोज़ किया, जिससे उन्हें अपने काम में संतोष मिलता था और वे दूसरों को भी प्रेरित करते थे।
जब कुछ कॉलेज के छात्र उनसे मिलने आए, तो उन्होंने छात्राओं को भी गेहूँ साफ़ करने का काम करने दिया। यह बताता है कि गांधी जी के लिए काम करने का अर्थ केवल श्रम करना नहीं, बल्कि उसकी वास्तविकता को समझना भी था। छात्र थक गए, जबकि गांधी जी ने निरंतरता दिखाई।
भंडार और पोषण ज्ञान
गांधी जी का ज्ञान केवल राजनीतिक और सामाजिक मुद्दों तक सीमित नहीं था। उन्होंने भंडार के कार्य का प्रबंधन भी किया:
- पौष्टिक गुणों का ज्ञान: उन्हें सब्जियों, फलों और अनाज के पौष्टिक गुणों की गहरी समझ थी। इस ज्ञान के आधार पर, वे आश्रमवासियों के लिए सही आहार का चयन करते थे।
- भोजन परोसना: वे खुद भोजन परोसते थे, जिससे यह पता चलता है कि वे अपने साथियों की देखभाल करने में कोई कसर नहीं छोड़ते थे। आश्रमवासियों को उबली हुई सब्जियाँ बिना शिकायत के खानी पड़ती थीं, यह दर्शाता है कि गांधी जी ने भौतिक सुखों के प्रति कितनी उदासीनता रखी थी।
सामाजिक समर्पण और सेवा
गांधी जी का जीवन सामाजिक समर्पण का एक उदाहरण था। उन्होंने व्यक्तिगत कठिनाइयों का सामना करते हुए दूसरों की भलाई के लिए कार्य किया:
- दक्षिण अफ्रीका में श्रमिकों की सेवा: उन्होंने घायलों को स्ट्रेचर पर लादकर पच्चीस मील तक ले जाने का कार्य किया। यह उनकी सेवा भावना और सहानुभूति को दर्शाता है।
- साथियों की देखभाल: जब उनके साथी काम कर रहे थे, तो उन्होंने उनके लिए फल आदि तैयार किए। यह उनके नेतृत्व और सहयोग की भावना को दर्शाता है।
लंदन का अनुभव
गांधी जी का लंदन का अनुभव भी उनकी विनम्रता और सेवा भावना का प्रतीक है:
- भारतीय छात्रों का निमंत्रण: जब भारतीय छात्रों ने उन्हें शाकाहारी भोज के लिए आमंत्रित किया, तो उन्होंने न केवल भोजन का आनंद लिया, बल्कि इसमें भाग भी लिया।
- स्वयं खाना बनाना: छात्रों को यह जानकर आश्चर्य हुआ कि गांधी जी खुद भोजन बना रहे थे। यह दर्शाता है कि वे किसी भी काम को करने में संकोच नहीं करते थे।
अन्य लोगों के प्रति दृष्टिकोण
गांधी जी का दृष्टिकोण दूसरों के प्रति सख्त लेकिन समानता का था:
- काम करने में सख्ती: वे दूसरों से काम कराने में सख्त थे, लेकिन अपने लिए काम कराना उन्हें पसंद नहीं था। एक बार, रात के दस बजे उन्होंने अपने कमरे को खुद साफ किया, यह उनकी विनम्रता और स्वावलंबन को दर्शाता है।
- बच्चों के प्रति प्यार: गांधी जी बच्चों से बहुत प्यार करते थे और उनका मानना था कि उनके विकास के लिए माता-पिता का प्यार जरूरी है। उन्होंने एक मित्र के बच्चे को अपने पास सुलाकर उसे माँ का दूध पीना छोड़ने में मदद की। यह उनकी सहानुभूति और दया को दर्शाता है।
परिवारिक संबंध और सहानुभूति
गांधी जी के जीवन में परिवार और संबंधों का बड़ा महत्व था:
- माता-पिता का प्यार: उन्होंने बताया कि बच्चों का विकास माता-पिता के प्यार से होता है। उन्होंने यह समझाया कि बच्चे को माँ से अलग रखकर ही उसे दूध पीना छोड़ने में मदद की।
- सहानुभूति: गांधी जी दूसरों की भावनाओं को समझते थे और उनका ध्यान रखते थे। उन्होंने एक महीने तक बच्चे को अपने पास सुलाकर उसकी देखभाल की।
समानता और भाईचारा
गांधी जी ने समाज में समानता की भावना को बढ़ावा दिया:
- हरिजनों के प्रति सम्मान: जब कभी आश्रम में किसी सहायक को रखने की आवश्यकता होती, तो वे किसी हरिजन को रखने का आग्रह करते थे। उनके अनुसार, नौकरों को वेतनभोगी मज़दूर नहीं, बल्कि अपने भाई के समान मानना चाहिए।
- परिवार का सदस्य: इंग्लैंड में गांधी जी ने देखा कि ऊँचे घरानों में घरेलू नौकरों को परिवार के सदस्य के रूप में माना जाता है। यह दृष्टिकोण उन्हें सही लगा और उन्होंने इसे अपनाने का प्रयास किया।
निष्कर्ष
गांधी जी का जीवन हमें यह सिखाता है कि व्यक्तिगत श्रम, दूसरों की सेवा और समानता का आदान-प्रदान कितना महत्वपूर्ण है। उनका कार्यशीलता और सेवा भाव आज भी प्रेरणादायक है। उन्होंने हमें यह बताया कि हर व्यक्ति का काम महत्वपूर्ण है, और हमें सभी को समानता और भाईचारे के दृष्टिकोण से देखना चाहिए। गांधी जी का दृष्टिकोण यह बताता है कि जीवन में सच्ची महानता तब होती है जब हम दूसरों के लिए सेवा भाव से काम करें।
इस प्रकार, यह पाठ गांधी जी के जीवन के महत्वपूर्ण पहलुओं को उजागर करता है और हमें उनके सेवा भाव, श्रम के प्रति सम्मान और समानता की भावना को समझाता है।
कठिन शब्दों के अर्थ
- बैरिस्टरी: वकालत
- आगंतुक: अतिथि
- कालिख: धुएँ आदि से काला होना
- नवागत: नया आया हुआ मेहमान
- प्रवासी: दूसरे देश में रहने वाले
- अनुकरण करना: नकल करना
- फर्श बुहारना: फर्श पर झाड़ू लगाना
- पखवाड़ा: पन्द्रह दिन का समय
- अधिवेशन: मीटिंग
- कारकुन: कार्यकर्ता
- प्रतिदान: किसी ली हुई वस्तु के बदले दूसरी वस्तु देना
Clear Your Doubts with CBSEJanta.com
Visit CBSEJanta.com to access detailed solutions for every chapter in your Class 6 English textbook. These solutions not only help you answer questions but also improve your overall understanding of the stories and grammar concepts.
Download Our App for Easy Access
Want to study on the go? Download our app to get instant access to Class 6 English NCERT solutions, practice questions, and much more. Whether you’re at home or traveling, you can easily prepare for your exams and boost your English skills with CBSEJanta.com.