पैसज 1
दीवाली के अवसर पर
दीवाली के मौके पर, हरिश अपने माता-पिता के साथ बाजार गया। उन्होंने उसके लिए जूते और कपड़े खरीदे। उसकी माँ ने बर्तन, चीनी, चाय और दीये (मिट्टी के दीपक) खरीदे। हरिश ने देखा कि बाजार में बिक्री के लिए सामान की भरपूर मात्रा थी। उसने सोचा कि इतने सारे सामान कैसे इतनी बड़ी मात्रा में बन सकते हैं। उसके पिता ने समझाया कि जूते, कपड़े, चीनी आदि बड़े उद्योगों में मशीनों द्वारा निर्मित होते हैं, कुछ बर्तन छोटे उद्योगों में बनाए जाते हैं, जबकि दीये जैसे सामान व्यक्तिगत कारीगरों द्वारा घरेलू उद्योग में बनाए जाते हैं।
प्रश्न / उत्तर:
प्रश्न 1: हरिश और उसके परिवार ने दीवाली के लिए बाजार में क्या खरीदा?
उत्तर: जूते, कपड़े, बर्तन, चीनी, चाय, और दीये (मिट्टी के दीपक)।
प्रश्न 2: हरिश को बाजार में सामान की भरपूरता देखकर कैसा लगा?
उत्तर: हरिश जिज्ञासु था और सोच रहा था कि इतने सारे सामान इतनी बड़ी मात्रा में कैसे उत्पादित हो सकते हैं।
प्रश्न 3: हरिश के पिता ने उन्हें खरीदे गए सामान के उत्पादन के बारे में क्या समझाया?
उत्तर: हरिश के पिता ने समझाया कि जूते, कपड़े, चीनी और चाय बड़े उद्योगों में मशीनों द्वारा निर्मित होते हैं। कुछ बर्तन छोटे उद्योगों में बनाए जाते हैं, जबकि दीये जैसे सामान घरेलू उद्योग में व्यक्तिगत कारीगरों द्वारा बनाए जाते हैं।
प्रश्न 4: जूते और कपड़ों के उत्पादन में मशीनों की क्या भूमिका होती है?
उत्तर: मशीनों का उपयोग बड़े उद्योगों में जूते और कपड़े जैसे सामानों का बड़े पैमाने पर उत्पादन करने के लिए किया जाता है, जिससे उत्पादन की दक्षता और मात्रा बढ़ती है।
प्रश्न 5: दीयों जैसे सामान का उत्पादन जूते और कपड़ों से किस तरह अलग है?
उत्तर: दीये जैसे सामान व्यक्तिगत कारीगरों द्वारा घरेलू उद्योग में निर्मित किए जाते हैं, जो स्वच्छ श्रम और पारंपरिक हस्तशिल्प पर निर्भर करते हैं, न कि स्वचालित मशीनरी पर।
पैसज 2
जूट मिल
भारत में पहली जूट मिल 1855 में कोलकाता के निकट रिषड़ा में स्थापित की गई थी। विभाजन के बाद, 1947 में, जूट मिलें भारत में रहीं, लेकिन तीन-चौथाई जूट उत्पादन क्षेत्र बांग्लादेश (पूर्वी पाकिस्तान) चला गया।
प्रश्न / उत्तर:
प्रश्न 1: भारत में पहली जूट मिल कब और कहां स्थापित की गई थी?
उत्तर: पहली जूट मिल 1855 में कोलकाता के निकट रिषड़ा में स्थापित की गई थी।
प्रश्न 2: भारत के विभाजन के बाद जूट मिलों के साथ क्या हुआ?
उत्तर: विभाजन के बाद, जूट मिलें भारत में रहीं, लेकिन तीन-चौथाई जूट उत्पादन क्षेत्र बांग्लादेश (पूर्वी पाकिस्तान) चला गया।
प्रश्न 3: विभाजन ने भारत और बांग्लादेश के बीच जूट उत्पादन क्षेत्रों के वितरण को कैसे प्रभावित किया?
उत्तर: विभाजन के बाद, जबकि जूट मिलें भारत में रहीं, जूट उत्पादन के क्षेत्रों का एक महत्वपूर्ण हिस्सा, विशेष रूप से तीन-चौथाई, बांग्लादेश चला गया।
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