प्रश्न 1.
नागरिकता राजनीतिक समुदाय की पूर्ण और समान सदस्यता के रूप में अधिकारों और कर्तव्यों को शामिल करती है। आज एक लोकतांत्रिक राज्य में नागरिक किन अधिकारों की अपेक्षा कर सकते हैं? उन्हें राज्य और अपने सह-नागरिकों के प्रति किस प्रकार के कर्तव्य निभाने होंगे?
उत्तर:
नागरिकता का अर्थ है किसी व्यक्ति को उसके राज्य द्वारा प्रदान की गई राजनीतिक पहचान। लोकतांत्रिक राज्य में एक नागरिक निम्नलिखित अधिकारों का आनंद उठा सकता है:
- राज्य से यात्रा के लिए समर्थन और सुरक्षा।
- मतदान करने, चुनाव लड़ने और सार्वजनिक पदों पर काबिज होने जैसे राजनीतिक अधिकार।
- अभिव्यक्ति और वाक् स्वतंत्रता जैसे नागरिक अधिकार।
- सामाजिक-आर्थिक अधिकार जैसे समान अवसर, शिक्षा का अधिकार, न्यूनतम वेतन का अधिकार।
कर्तव्य:
अधिकारों के साथ, नागरिकों को राज्य और अपने सह-नागरिकों के प्रति कुछ कर्तव्यों का पालन करना चाहिए:
- नागरिकों का कर्तव्य है कि वे राज्य के संसाधनों और संस्कृति के संरक्षक बनें।
- केवल कानूनी नहीं, नैतिक जिम्मेदारियां भी निभाएं, जैसे सामुदायिक जीवन में भाग लेना और योगदान देना।
प्रश्न 2.
सभी नागरिकों को समान अधिकार दिए जा सकते हैं लेकिन वे सभी समान रूप से इनका उपयोग नहीं कर सकते। समझाएं।
उत्तर:
पूर्ण और समान सदस्यता का अर्थ है कि प्रत्येक नागरिक, चाहे वह अमीर हो या गरीब, को राज्य द्वारा कुछ बुनियादी अधिकार और जीवन स्तर प्रदान किया जाए। लेकिन निम्नलिखित कारणों से सभी नागरिक इन अधिकारों का समान रूप से उपयोग नहीं कर सकते:
- गरीबी:
- गरीबी के कारण अशिक्षा या सामाजिक-आर्थिक स्थिति कमजोर हो सकती है।
- झुग्गी-झोपड़ी निवासियों की समस्या:
- ये लोग अक्सर कम वेतन पर आवश्यक और उपयोगी कार्य करते हैं।
- स्थायी पता न होने के कारण, वे मतदान जैसे बुनियादी राजनीतिक अधिकारों का उपयोग नहीं कर पाते।
- आदिवासी और वनवासी समूह:
- प्राकृतिक संसाधनों पर निर्भरता के कारण आजीविका खतरे में रहती है।
सरकार की भूमिका:
- सरकार को समान अधिकार और अवसर प्रदान करने के लिए विभिन्न वर्गों की आवश्यकताओं और दावों को नीतियां बनाते समय ध्यान में रखना चाहिए।
प्रश्न 3.
भारत में हाल के वर्षों में नागरिक अधिकारों के पूर्ण उपभोग के लिए हुए दो संघर्षों पर संक्षेप में लिखें। प्रत्येक मामले में कौन से अधिकारों का दावा किया गया था?
उत्तर:
भारत का संविधान विभिन्न वर्गों जैसे दलित, अनुसूचित जनजाति और महिलाओं को समान सदस्यता प्रदान करने का प्रयास करता है।
संघर्ष और अधिकारों का दावा:
- महिलाओं और अनुसूचित जाति-जनजाति के लिए आरक्षण:
- महिलाओं ने राज्य विधानसभाओं और लोकसभा में 33% आरक्षण की मांग की।
- अनुसूचित जाति और जनजातियों को 33% आरक्षण प्रदान किया गया।
- अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) के लिए शैक्षिक संस्थानों में 27% आरक्षण लागू किया गया।
- विकास परियोजनाओं के कारण विस्थापित लोग:
- इन लोगों ने अपनी आजीविका और भूमि की सुरक्षा के लिए अधिकारों का दावा किया।
प्रश्न 4.
शरणार्थियों को किन समस्याओं का सामना करना पड़ता है? वैश्विक नागरिकता की अवधारणा किस प्रकार उन्हें लाभ पहुंचा सकती है?
उत्तर:
शरणार्थियों की समस्याएं:
- सीमाओं पर प्रतिबंध और बाड़ लगाने के बावजूद लोगों का पलायन होता रहता है।
- शरणार्थियों को शिविरों में रहने या अवैध प्रवासी बनने के लिए मजबूर किया जाता है।
- युद्ध, सुनामी, अकाल, या भूकंप के कारण विस्थापन।
- शरणार्थी कानूनी रूप से काम नहीं कर सकते, बच्चों को शिक्षित नहीं कर सकते या संपत्ति नहीं खरीद सकते।
वैश्विक नागरिकता का लाभ:
- राष्ट्रीय सीमाओं से परे समस्याओं को हल करना आसान हो सकता है।
- विभिन्न राज्यों के लोगों और सरकारों द्वारा सामूहिक कार्रवाई की आवश्यकता।
- प्रवासियों के मुद्दों का स्वीकार्य समाधान ढूंढने में मदद।
- जिस देश में वे रह रहे हैं, वहां उनके लिए बुनियादी अधिकार और सुरक्षा सुनिश्चित करना।
प्रश्न 5.
देश के भीतर विभिन्न क्षेत्रों में लोगों के पलायन का अक्सर स्थानीय निवासियों द्वारा विरोध किया जाता है। प्रवासी स्थानीय अर्थव्यवस्था में कौन-कौन से योगदान कर सकते हैं?
उत्तर:
प्रवासियों के योगदान:
- मजदूरी:
- प्रवासी लोग हॉकर्स, छोटे व्यापारी, प्लंबर, मैकेनिक और श्रमिक के रूप में काम करके अर्थव्यवस्था में योगदान देते हैं।
- कम मजदूरी पर कार्य:
- वे अक्सर आवश्यक कार्य कम मजदूरी पर करते हैं।
- छोटा व्यवसाय:
- प्रवासी झुग्गी क्षेत्रों में सिलाई, कपड़ा छपाई जैसे छोटे व्यवसाय विकसित कर सकते हैं।
प्रश्न 6.
“लोकतांत्रिक नागरिकता एक परियोजना है, न कि एक पूर्ण तथ्य, यहां तक कि भारत जैसे देशों में जहां समान नागरिकता प्रदान की जाती है।” भारत में नागरिकता से संबंधित आज उठाए जा रहे कुछ मुद्दों पर चर्चा करें।
उत्तर:
भारत में लोकतांत्रिक नागरिकता के सामने कई चुनौतियां हैं:
- युद्ध और अकाल से विस्थापित लोग:
- 1971 और उसके बाद बांग्लादेश से आए लोग।
- अफगानिस्तान, पाकिस्तान, म्यांमार से आए विस्थापित लोग।
- आतंकवाद और अवैध प्रवास:
- एशिया और अफ्रीका से लोग भुगतान एजेंटों के माध्यम से भारत में घुसपैठ करते हैं।
- नागरिकता प्रदान करने में समस्याएं:
- कई शरणार्थी पीढ़ियों तक राज्यविहीन रहते हैं और केवल कुछ को नागरिकता मिलती है।
Why Choose CBSEJanta.com for Class 11 Political Science?
- Free NCERT Solutions: Access detailed, easy-to-understand answers to all questions from your textbook.
- Interactive Chapter Summaries: Quickly grasp the essence of each chapter with our concise summaries.
- Practice Papers & Sample Questions: Test your knowledge and ensure you’re fully prepared for exams.
- Expert Tips for Exam Success: Discover strategies for crafting high-quality answers and managing your exam time effectively.
- Comprehensive Analysis: Dive deep into crucial political concepts for a thorough understanding of each topic.
Download the CBSEJanta App NOW!
Get instant access to Class 11 History solutions, summaries, and practice tests directly on your phone. Enhance your History studies with CBSEJanta.com—your ultimate study companion!
Stay ahead in your History class with CBSEJanta.com and make learning both engaging and effective!