Setting:
The story unfolds during an Eid fair, a vibrant and lively event that takes place in Rasheed’s village. The fair features numerous stalls and various traders selling goods, making it an exciting place for the villagers.
Main Characters:
- Rasheed: The protagonist, a curious and adventurous boy.
- Uncle: Rasheed’s protective guardian who is cautious and wise.
- Bhaiya: The domestic help who accompanies Rasheed and shares his excitement.
Plot Summary:
- Visit to the Fair:
Rasheed is taken to the fair by his uncle and domestic help, Bhaiya. The atmosphere is filled with excitement, with numerous traders and attractions. Before they separate to explore, Rasheed’s uncle warns them to be careful and not to spend money, as many shopkeepers in the fair are known to cheat innocent visitors. - The Lucky Shop:
While wandering, Rasheed and Bhaiya stumble upon the Lucky Shop. The shop is brightly decorated and attracts many customers eager to try their luck. The shopkeeper invites them to pay 50 paise for a chance to win various prizes. The idea of winning something special excites Rasheed and Bhaiya. - Witnessing Wins:
They observe an old man who wins a beautiful clock and sells it back to the shopkeeper for 15 rupees, leaving the shop with a smile. Shortly after, they see a boy winning multiple items, including a comb, a fountain pen, and even a wristwatch. The boy exchanges these items for cash and appears extremely happy. This success encourages Rasheed and Bhaiya to try their luck. - Rasheed and Bhaiya’s Attempt:
Despite their uncle’s warnings, Rasheed and Bhaiya decide to take a chance. They pay the 50 paise but unfortunately end up losing all their money in various games, leaving them frustrated and disappointed. - Uncle’s Return and Explanation:
When Rasheed’s uncle returns and sees their unhappy faces, he listens to their story. With a gentle smile, he explains that the previous winners were actually the shopkeeper’s friends, meant to lure in unsuspecting customers like them. He emphasizes the importance of being wise and cautious about such schemes.
Conclusion:
The story serves as a cautionary tale about the risks of gambling and the allure of chance games. It teaches the lesson that one must think critically and be wary of situations that seem too good to be true.
Highlighted Words and Their Meanings
Word | Meaning |
---|---|
Eid fair | A festive event celebrating Eid, characterized by various stalls, entertainment, and food. |
Domestic help | An employee who assists with household tasks; here, it refers to Bhaiya, who accompanies Rasheed. |
Cheat | To deceive someone to gain something unfairly, often in a game or transaction. |
Lucky Shop | A shop offering customers a chance to win prizes for a small fee, designed to entice visitors. |
50 paise | A small denomination of currency in India, equal to half a rupee, commonly used for minor purchases. |
Clock | A timekeeping device that can be valuable, especially as a prize. |
Comb | A grooming tool used to arrange hair, often given as a simple yet useful prize. |
Fountain pen | A luxury writing instrument that uses liquid ink, often seen as a desirable gift. |
Gambling | The act of wagering money on uncertain outcomes, often associated with games of chance and luck. |
A Game of Chance – Detailed Story Summary in Hindi
पृष्ठभूमि:
यह कहानी ईद मेले के दौरान घटित होती है, जो रसिद के गांव में एक उत्सव का आयोजन है। मेले में विभिन्न प्रकार के व्यापारी और आकर्षण होते हैं, जो गांव वालों के लिए इसे एक रोमांचक जगह बनाते हैं।
मुख्य पात्र:
- रसिद: कहानी का मुख्य पात्र, जो एक उत्साही और जिज्ञासु लड़का है।
- चाचा: रसिद का सुरक्षात्मक अभिभावक, जो उसे सही-गलत का ज्ञान देते हैं।
- भाईया: घरेलू सहायक, जो रसिद के साथ जाता है और उसकी उत्सुकता को साझा करता है।
कहानी का सारांश:
- मेले की यात्रा:
रसिद को उसके चाचा और घरेलू सहायक, भाईया, ईद मेले में ले जाते हैं। मेले का वातावरण उत्साह से भरा होता है, जहाँ कई दुकानदार अपने सामान बेचते हैं। रसिद के चाचा उन्हें पहले से ही चेतावनी देते हैं कि वे पैसे खर्च न करें, क्योंकि मेले में कई दुकानदार बेगुनाह लोगों को धोखा देने के लिए जाने जाते हैं। - लकी शॉप:
घूमते-घूमते, रसिद और भाईया लकी शॉप पर पहुँचते हैं। दुकान का नाम इसलिये है क्योंकि यहाँ ग्राहक 50 पैसे देकर अपनी किस्मत आजमाते हैं। दुकान के मालिक ग्राहकों को आकर्षित करने के लिए कई पुरस्कारों का प्रलोभन देते हैं। - जीतते हुए देखना:
पहले, वे एक बूढ़े आदमी को देखते हैं जो एक सुंदर घड़ी जीतता है और उसे 15 रुपये में दुकान के मालिक को बेच देता है। इसके बाद, एक लड़का कई चीज़ें जीतता है, जैसे कंघा, फountain pen, और घड़ी। ये दृश्य रसिद और भाईया को भी उत्साहित करता है और वे भी अपनी किस्मत आजमाने का निर्णय लेते हैं। - रसिद और भाईया का प्रयास:
अपने चाचा की चेतावनी के बावजूद, रसिद और भाईया 50 पैसे देकर खेलना शुरू करते हैं। लेकिन दुर्भाग्यवश, वे सभी खेलों में हार जाते हैं और अपने पैसे खो देते हैं। इससे वे दोनों बहुत निराश और दुखी हो जाते हैं। - चाचा की वापसी और स्पष्टीकरण:
जब रसिद का चाचा लौटता है और उनके उदास चेहरे को देखता है, तो वह उनकी पूरी कहानी सुनता है। मुस्कुराते हुए, वह समझाते हैं कि पहले जीतने वाले लोग वास्तव में दुकान के मालिक के दोस्त थे। वह उन्हें यह सलाह देते हैं कि उन्हें समझदारी से काम लेना चाहिए और इस तरह की दुकानों से दूर रहना चाहिए।
निष्कर्ष:
यह कहानी जुआ और मौके पर आधारित खेलों के खतरों के बारे में एक चेतावनी के रूप में कार्य करती है। यह दर्शाती है कि हमें अपने निर्णयों में सावधानी बरतनी चाहिए और उन योजनाओं से दूर रहना चाहिए जो बहुत अच्छी लगती हैं।
हाइलाइट किए गए शब्द और उनके अर्थ
शब्द | अर्थ |
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ईद मेला | ईद के पर्व के अवसर पर आयोजित उत्सव, जिसमें विभिन्न दुकाने और मनोरंजन होते हैं। |
घरेलू सहायक | वह व्यक्ति जो घरेलू कामों में सहायता करता है; यहाँ, भाईया रसिद के साथ है। |
धोखा | किसी को बेईमानी से लाभ प्राप्त करने के लिए ठगना या मूर्ख बनाना। |
लकी शॉप | एक दुकान जहाँ ग्राहक छोटे शुल्क पर पुरस्कार जीतने का प्रयास करते हैं। |
50 पैसे | भारतीय मुद्रा की एक छोटी मात्रा, जो आधे रुपये के बराबर होती है। |
घड़ी | एक उपकरण जो समय बताता है, जिसे पुरस्कार के रूप में दिया जाता है। |
कंघा | बालों को सहेजने के लिए उपयोग किया जाने वाला उपकरण। |
फountain pen | एक लेखन उपकरण जो तरल स्याही का उपयोग करता है। |
जुआ | एक खेल जिसमें अनिश्चित परिणामों पर पैसे लगाने की क्रिया। |