Extra Questions
1. कन्फेक्शनरी के काउंटर पर क्या-क्या मिलता था?
उत्तर: तरह-तरह की पेस्ट्री और चॉकलेट कन्फेक्शनरी के काउंटर पर मिलती थी।
2. ऐनक से छुटकारा पाने के लिए डॉक्टर ने लेखिका को क्या सलाह दी थी?
उत्तर: डॉक्टर ने सलाह दी कि कुछ दिन ऐनक पहनोगी तो ऐनक उतर जाएगी।
3. परिवार के लोग लेखिका को क्या कह कर पुकारते थे?
उत्तर: परिवार के लोग लेखिका को जीजी कहकर पुकारते थे।
4. चेस्टनट को कैसे पकाकर खाया जाता था?
उत्तर: चेस्टनट को पहले सीधा आग में पकाया जाता है फिर उसका छिलका उतार कर खाया जाता है।
5. कहानी ‘बचपन’ की लेखिका कौन है?
उत्तर: कृष्णा सोबती जी कहानी ‘बचपन’ की लेखिका है।
6. लेखिका को क्या देख कर मितली होने लगती थी?
उत्तर: लेखिका को छोटे-छोटे शीशे के गिलास पर झूठन के निशान रह जाते थे। जिन पर भोजन की झूठन के निशान थे, वह बड़े दीखते थे और उन्हें देखकर मितली आने लगती थी।
7. चने को लेकर कौन सी फिल्मी गाने का ज़िकर लेखिका ने किया है?
उत्तर: यह फिल्मी गाना उस जमाने में हर एक बच्चे को याद था। गाना था – ” चना जोर गरम बाबू मैं लाया मजेदार, चना जोर गरम”। चने को लेकर क्रांति फिल्म के इस गाने का ज़िकर लेखिका ने किया है।
8. छुटपन में लेखिका ने क्या-क्या किया?
उत्तर: छुटपन में लेखिका ने शिमला रिज पर बहुत मजे किए। घोड़ों की सवारी की। लेखिका घोड़ों को ना जाने क्यों कुछ कमतर करके समझती, उन पर हंसती थी।
9. चश्मा उतार कर लेखिका को कैसा महसूस होता था?
उत्तर: लेखिका को चश्मे की आदत बन गई थी। लेखिका कहती है कि चश्मा उसके चेहरे के साथ घुलमिल गया था। जब कभी उतारती तो उसे उसे अपना चेहरा खाली-खाली लगने लगता।
10. लेखिका के भाई बहनों की ड्यूटी कहां लगती थी ?
उत्तर: लेखिका के भाई बहनों की ड्यूटी शिमला मॉल से ब्राउन ब्रेड लाने के लिए लगती। यह मॉल लेखिका घर से ज्यादा दूर नहीं था।
11. शनीचर को किए जाने वाला मुख्य काम कौन सा था?
उत्तर: शनीचर को किए जाने वाला मुख्य काम था – शरीर को स्वस्थ रखने के लिए ओलिव ऑयल या कैस्टर ऑयल पीना। लेखिका को इसकी गंध से मितली आने लगती थी और इसका स्वाद भी कड़वा था इस कारण या लेखिका को यह पसंद ना था।
12. इतवार के दिन बच्चे क्या करते थे?
उत्तर: बचपन में लेखिका और बच्चों को अपने मोजे खुद धोने पड़ते थे क्योंकि इनको नौकर- नौकरानी को देने की सख्त मनाई थी।उसके बा अपने जूते पॉलिश करते थे और कपड़े से रगड़- रगड़ कर चमकाते थे।
13. लेखिका चॉकलेट कहां और कैसे खाती थी?
उत्तर: लेखिका को हफ्ते में एक बार चॉकलेट खरीदने की छूट थी। सबसे ज्यादा स्टॉक चॉकलेट का लेखिका के पास ही होता। लेखिका चॉकलेट खड़े होकर नहीं खाती थी। वह रात को खाने के बाद बिस्तर में लेट कर मजे ले ले कर खाती थी।
14. बच्चे साथ में रूई क्यों रखते थे?
उत्तर: पहले जूते ज्यादा आरामदायक नहीं आते थे, उनसे पैरों में छाले बन जाते थे। जब कभी लेखिका लंबी सैर पर जाते तो इस तकलीफ से बचने के लिए वे अपने पास रूई रखते थे ताकि जूता लगे तो रूई मौजे के अंदर रख ले।
15. शिमला रिज के बारे में लेखिका ने क्या कहा है?
उत्तर: शिमला रिज छुटपन में एक जगह है जहां पर लेखिका ने बहुत मजे किए हैं। वहां लेखिका घोड़ों की सवारी के लिए जाती थी। शिमला रिज में के सामने जो जाखू का पहाड़ था। जहां चर्च थी। चर्च की घंटियां की गूँज के संगीत से ऐसा लगता प्रभु यीशु स्वयं कुछ कह रहे हैं। और वहाँ लेखिका को सूर्यास्त होना देखना बहुत पसंद था।
16. आजकल पहनने – ओढ़ने की चीजें पिछली शताब्दी से कैसे अलग हैं?
उत्तर: पहले लेखिका रंग बिरंगे कपड़े जैसे नीला, जामुनी, ग्रे, काला या चॉकलेटी रंग के कपड़े पहनती थी। पर अब वे सफेद, गहरे नहीं बल्कि हल्के रंग के कपड़े पहनते हैं। पहले दशक में वे फ्रॉक, निकर वॉकर, स्कर्ट, लहंगे, गरारे पहनती थी। अब वे चूड़ीदार और धारीदार कुर्ते पहनती हैं। पहले दिनों फ्रॉक के ऊपर की जेब में रुमाल और बालों में रंग-बिरंगे रिबन का चलन था परंतु अब यह सब कुछ आधुनिकता मैं बदल गया है।
17. लेखिका के बचपन में जो खाने की चीजें थी आज उस में क्या बदलाव आया है?
उत्तर: लेखिका के अनुसार उनके जमाने में जो कुल्फी थी अब वह आइसक्रीम में बदल गई है। कचोरी – समोसा पेटीज में बदल गया है और शहतूत, फालसे और खसखस के शरबत अब कोक, पेप्सी में बदल गए हैं। पहले जमाने में कोक नहीं मिलती थी, लेमनेड, विमटो मिलती थी।
18. लेखिका को चश्मा क्यों लगाना पड़ा उन्होंने चश्मा कहां से बनवाया?
उत्तर: लेखिका को चश्मा इसलिए लगाना पड़ा क्योंकि वह दिन की रोशनी को छोड़कर रात में टेबल लैंप के सामने बैठकर काम करती थी। उनका चश्मा आंखों के डॉक्टर अंग्रेज ने बनाया था जिसकी दुकान सरवर स्कैंडल पॉइंट के पास एक चश्मे वाली दुकान थी, जिसमें लेखिका ने पहला चश्मा बनाया था। जो लेखिका को कभी नहीं बोलते भूलती।
19. शोरूम में बने ट्रेन का नाम और विशेषता बताएं |
उत्तर: सरवर स्कैंडल पॉइंट के ठीक सामने एक दुकान थी, जिसके शोरूम में एक ट्रेन का मॉडल था। ट्रेन का नाम था शिमला कालका ट्रेन। इसके छोटे-छोटे डिब्बे थे। इसकी पटेरिया छोटी – छोटी थी जिसपर ट्रेन खड़ी थी और एक लाल टीन की छत वाला स्टेशन था और सामने सिग्नल देता खंबा। थोड़ी थोड़ी दूरी पर बनी सुरंगे थी, जो बच्चों को बहुत आकर्षित करती थी।
20. लेखिका के चचेरे भाई उनको किस बात के लिए और क्या कह कर चिढ़ाते थे ?
उत्तर: जब लेखिका ने पहली बार चश्मा लगाया तो उसके चचेरे भाई लंगूर जैसे दिखने वाली कहकर चिढ़ाते थे। लेखिका के भाई जब लेखिका चश्मा लगाती थी तो छेड़ते हुए कहा कि –
- “आंख में चश्मा लगाया
- ताकि सूझे दूर की
- यह नहीं लड़की को मालूम
- सूरत बनी लंगूर की!”
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