निबंध से
1. पाठ में ऐसा क्यों कहा गया है कि अक्षरों के साथ एक नए युग की शुरुवात हुई?
उत्तर: पाठ में लेखक के अनुसार ऐसा इसलिए कहा गया है क्योंकि लेखक का मानना है कि अक्षरों कि खोज से मनुष्य ‘ सभ्य ‘ हो गया है। वह अपने किए सभी कार्यों का हिसाब – किताब रखता है इसके साथ – साथ उसने अपने विचारो को भी लिखना आरंभ कर दिया। मनुष्य ने जब से लिखना शुरू किया है तभी से इतिहास का आरंभ हुआ है। किसी का भी इतिहास उस समय से आरंभ होता है जब से मनुष्य द्वारा लिखे हुए लेख मिलने आरंभ हुए हैं।
2. अक्षरों की खोज का सिलसिला कब और कैसे शुरू हुआ?पाठ के आधार पर बताइए।
उत्तर: सबसे पहले मानव ने अपने अभिप्राय को चित्रों की सहायता से अभिव्यक्त किया था। जैसे – आदमियों, पशुओं, पक्षिओ आदि के चित्र। इसके पश्चात भाव – संकेत का आरंभ हुआ। उदहारण – सूर्य का चित्र बनाने से धूप और ताप का घोतक बना दिया। इसी तरह अनेक भावनाओ का जन्म हुआ। तब जाकर छ: वर्ष पश्चात अक्षरों कि खोज हुई ।
3. अक्षरों के ज्ञान से पहले मनुष्य अपने विचारो को दूर – दराज तक पहुँचने के लिए किसका प्रयोग करते थे?
उत्तर: अक्षरों के ज्ञान से पहले मनुष्य दूर – दराज तक अपने विचारों को चित्रों के माध्यम से पहुँचाते थे। जैसे – आदमियों, पशुओं, पक्षियों, आदि के चित्र।
निबंध से आगे
1. अक्षरों के महत्व की तरह ध्वनि के महत्व के बारे में जितना जानते हो लिखो।
उत्तर: ध्वनि भाषा का ही एक हिस्सा है। अक्षरों को एक साथ जोड़ने से भाषा का निर्माण होता है और उनका उच्चारण करने से ध्वनि का निर्माण होता है। जिस प्रकार हम अपने विचारो को अक्षरों के माध्यम से लिख कर प्रकट करते हैं ठीक उसी प्रकार हम ध्वनि की सहायता से अपने विचारो को बोल कर प्रकट करते हैं। जितना महत्व अक्षरों का है उतना ही महत्व ध्वनि का भी है।
2. मौखिक भाषा का क्या महत्व है? अपने शिक्षक के साथ इस पर बातचीत करो।
उत्तर: मौखिक भाषा हर व्यक्ति के जीवन में एक महत्वपूर्ण भूमिका अदा करता है। हम अपने विचारो को हर पल लिखकर प्रकट नहीं कर सकते इसलिए मौखिक भाषा का होना अत्यन्त महत्वपूर्ण है।
3. हर वैज्ञानिक खोज के साथ किसी – न – किसी वैज्ञानिक का नाम अवश्य जुड़ा होता है। परंतु भाषा के साथ ऐसा नहीं है। पता करो और अपने शिक्षक को बताओ।
उत्तर: हर वैज्ञानिक खोज के साथ किसी – न – किसी वैज्ञानिक का नाम अवश्य जुड़ा हुआ होता है। परन्तु यह भाषा के साथ नहीं है क्योंकि भाषा के ज्ञान से ही मनुष्य अपना हिसाब किताब रखने में समर्थ बने और इतिहास जो हमें लिखे हुए रूप में प्राप्त हुए है, वह सब भाषा के ज्ञान से ही संभव हुआ है। इसलिए भाषा की खोज के पीछे किसी वैज्ञानिक का हाथ नही है।
4. एक भाषा को कई लिपियों में लिखा जा सकता है।उसी तरह कई भाषाओं को एक लिपि में भी लिखा जा सकता है। नीचे एक ही बात को अलग अलग भाषाओं में लिखा गया है। इन्हे ध्यान से देखिए और इनकी मदद से अन्य शब्द बनाने कि कोशिश करे।
- क्या शानदार दिन हैं। – हिंदी
- ਕਿੰਨਾ ਸ਼ਾਨਦਾਰ ਦਿਨ ਹੈ. – पंजाबी
- ఎంత మనోహరమైన రోజు – तेलुगु
- کتنا اچھا دن ہے – उर्दू
- কি চমৎকার দিন – बंगला
- என்ன ஒரு அருமையான நாள். – तमिल
उत्तर:
- वाह कितना सुंदर दृश्य है। – हिंदी।
- ਵਾਹ! ਕਿਤਨਾ ਸੁੰਡ ਦਿਨ ਹੈ। – पंजाबी।
- ওয়াহ! কিত্না সুন্দর দিন হাইন। – बांग्ला।
- வாஹ் கிட்ன சுந்தர் டின் ஹேன் – तमिल।
- వాహ్! కిత్న సుందర్ దున్ హై – तेलुगु
- ୱତଃ! କିତ୍ନ ସୁଣ୍ଡେ ଦିନ ହଇ। – ओडिया।
अनुमान और कल्पना
1. पुराने जमाने के लोगो को ऐसा क्यों लगता है कि भाषा और अक्षरों कि खोज ईश्वर ने की है।अनुमान लगाओ और बताओ।
उत्तर: पुराने ज़माने के लोगो को ऐसा इसलिए लगता है क्योंकि अक्षरों कि खोज का कोई प्रमाण या इतिहास नहीं है इसलिए उनका मानना है कि अक्षरों कि खोज ईश्वर ने की है।
2. अक्षरों के महत्व के साथ ही मनुष्य के जीवन में खेल, नृत्य, गीत का भी महत्व भी है। कक्षा में समूह बनाकर चर्चा और जानकारी कक्षा में प्रस्तुत कीजिए।
उत्तर: मनुष्य अपनी भावनाओं को अक्षरों के साथ नृत्य, गीत और खेलो के माध्यम से भी अपनी भावनाओ को व्यक्त करते हैं। मनुष्य ने खेल भी अपनी खुशियों और मनोरंजन के लिए शुरू किया है।
3. क्या होता अगर ………..
1.हमारे पास अक्षर न होते
2.भाषा न होती
उत्तर: हमें अगर अक्षरों का ज्ञान न होता तो –
1.हम हमारे इतिहास को न ही जान पाते और न ही लिख पाते
2.हम अपने पूर्वजों से कुछ नहीं सीख पाते
3.हमारा विकास ना हो पाता
भाषा की बात
1. अनादि काल में रेखांकित शब्द का अर्थ है जिसकी कोई शुरुवात और आदि ना हो। यह मूल शब्द के शुरू में जुड़ने से बना हैं। इन उपसर्गों को अलग करके मूल शब्दो को लिखकर अर्थ बताए।
असफल………….
अनुचित………….
अपरिचित……….
अदृश्य……………
अनावश्यक……..
अनिच्छा…………
उत्तर: असफल – सफल
अनुचित – उचित
अपरिचित – परिचित
अदृश्य – दृश्य
अनावश्यक – आवश्यक
अनिच्छा – इच्छा
2. वैसे तो संख्याएं संज्ञा होती है पर कभी कभी यह विशेषण का काम भी करती हैं। जैसे नीचे लिखे वाक्य में –
- हमारी धरती लगभग पांच अरब साल पुरानी है।
- कोई दस हजार साल पहले आदमी ने गावों में बसना शुरू किया।
इन वाक्यों में रेखांकित अंश ‘ साल ‘ संज्ञा की जानकारी देता है इसलिए संख्या वाचक विशेषण हैं। संख्या वाचक विशेष का इस्तेमाल तभी किया जाता है जिन्हे गीना जा सकता है।जैसे – चार संतरे , तीन बच्चे ,दो शहर।यदि किसी चीज को गीना नहीं जा सकता तो उन्हें माप्तोल आदि के शब्दो का इस्तेमाल किया जाता हैं।
- तीन जग पानी
- एक किलो चीनी
यहां रेखांकित हिस्से परिमाणवाचक हिस्से है।क्योंकि इनका सम्बन्ध माप तोल से हैं।अब आगे लिखे हुए को पढ़ो।खाली स्थानों में माप तोल के दिए गए शब्द छांट कर लिखिए।
प्याला कटोरी एकड़ मीटर
लीटर किलो टक चमच्च
तीन…….खीर
छ………कपड़ा
दो……….काफी
एक……..दूध
दो……..ज़मीन
एक…….. रेत
पांच……..बाजरा
तीन…….तेल
उत्तर: तीन कटोरी खीर
छ: मीटर कपड़ा
दो प्याला काफ़ी
एक लीटर दूध
दो एकड़ ज़मीन
एक किलो रेत
पांच किलो बाजरा
तीन लीटर तेल
कुछ करने को
1. अपनी लिपि के कुछ अक्षरों कि जानकारी इकट्ठी करो
- जो अब प्रयोग में नहीं रहे
- प्रचलित नए अक्षर जो अब प्रयोग में आ रहे हैं।
उत्तर: • जो अब प्रयोग में नहीं – झ,ञ
- नए अक्षर जो अब प्रयोग में हैं – अ,ख,ल
2. लिखित और मौखिक भाषा के लाभ और हानि के बारे में दोस्तो से चर्चा करे।
उत्तर: लिखित भाषा की लाभ –
1.यह संचार का एक स्थाई साधन हैं।
2. लिखित संचार अधिक सटीक और स्पष्ट हैं।
लिखित भाषा की हानि –
1.यह आपात स्थिति के मामले में प्रभावी नहीं हैं।
2. इसमें अधिक कागजी – कार्यवाही होती हैं।
मौखिक भाषा का रिकॉर्ड नहीं रखा जा सकता। इसके एक पीढ़ी के ज्ञान को दूसरी पीढ़ी तक नहीं पहुंचाया का सकता।इसका क्षेत्र सीमित हैं यह केवल दो लोगो के बीच संवाद कर सकती हैं।
3. अक्षर ध्वनियों ( स्वर और व्यंजन ) के प्रतीक होते हैं।उदाहरण के लिए हिंदी, उर्दू और बांउग्ला, आदि शब्दो में प्रत्येक अक्षर के लिए उसकी ध्वनि निर्धारित हैं।कुछ चित्रों से भी संकेत मिलते हैं।नीचे कुछ चित्र दिए गए हैं उन्से क्या संकेत मिलते हैं , बताओ
उत्तर: पहला चित्र – आगे स्कूल होने का संकेत।
दूसरा चित्र – वृत्त ( सर्किल ) के बाई और जाने का संकेत।
तीसरा चित्र – सड़क बाई और घूम रही हैं।
चौथा चित्र – सड़क दाई और घूम रही हैं।
4. अपने आसपास किसी मुक बुधिर बच्चो के स्कूल में जाकर समय बिताओ और अपना अनुभव लिखो ।
उत्तर: हम मूक बूधिर बच्चो के स्कूल में गए। वह हमने कुछ समय बिताया और बच्चो के साथ काफी अच्छा समय बिताया। मूक बुधीर बच्चे बोलने में सक्षम नहीं होते आसान शब्दो में गूंगे होते हैं। यह बच्चे बोल नहीं सकते और इशारों में अपनी बात दूसरे को समझाते हैं। हम उनके लिए कुछ खिलौने खाने के लिए और कुछ अन्य जरूरत का सामान लेकर गए, इन बच्चो के साथ समय बिता कर हमें बहुत अच्छा लगा और हमने निश्चय किया कि हम एक माह में एक बार इनसे मिलने अवश्य जायेगे।
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