निम्नलिखित गद्यांश पढ़कर प्रश्नों का उत्तर दीजिए।
एक दूसरे प्रकार के बड़े लोकप्रिय गाने आल्हा के हैं। अधिकतर ये बुंदेलखंडी में गाए जाते हैं। आरंभ तो इसका चंदेल राजाओं के राजकवि जगनिक से माना जाता है जिसने आल्हा-ऊदल की वीरता का अपने महाकाव्य में बखान किया, पर निश्चय ही उसके छंद को लेकर जनबोली में उसके विषय को दूसरे देहाती कवियों ने भी समय-समय पर अपने गीतों में उतारा और ये गीत हमारे गाँवों में आज भी बहुत प्रेम से गाए जाते हैं। इन्हें गाने वाले गाँव-गाँव ढोलक लिए गाते फिरते हैं। इसी की सीमा पर उन गीतों का भी स्थान है जिन्हें नट रस्सियों पर खेल करते हुए गाते हैं। अधिकतर ये गद्य पद्यात्मक हैं और इनके अपने बोल हैं।
i. बुंदेलखंड में निम्नलिखित में से कौन सा लोकगीत प्रसिद्ध है?
(क) बिरहा
(ख) बिदेसिया
(ग) मटकोड
(घ) आल्हा
उत्तर: (घ) आल्हा
ii. निम्न में से आल्हा के रचयिता कौन हैं?
(क) जगनिक
(ख) आल्हा ऊदल
(ग) रुद्रदमन
(घ) महेंद्रदमन
उत्तर: (क) जगनिक
iii. जगनिक निम्नलिखित में से किसके राज्य कवि थे?
(क) महाराणा प्रताप
(ख) पृथ्वीराज चौहान
(ग) चंदेल राजाओ
(घ) परमार राजाओं
उत्तर: (ग) चंदेल राजाओ
iv. आल्हा निम्नलिखित में से किस प्रकृति का लोकगीत है?
(क) पद्यात्मक
(ख) गद्यात्मक
(ग) वाद विवाद
(घ) नाटक
उत्तर: (क) पद्यात्मक
चेता, कजरी, बारहमासा, सावन आदि मिर्जापुर, बनारस और उत्तर प्रदेश के पूरबी और बिहार के पश्चिमी ज़िलों में गाए जाते हैं। बाउल और भतियाली बंगाल के लोकगीत हैं। पंजाब में माहिया आदि इसी प्रकार के हैं। हीर-राँझा, सोहनी-महीवाल संबंधी गीत पंजाबी में और ढोला-मारू आदि के गीत राजस्थानी में बड़े चाव से गाए जाते हैं।
i. बनारस के प्रसिद्ध लोकगीत का नाम बताइए?
(क) चेता
(ख) बारहमासा
(ग) कजरी
(घ) सावन
उत्तर: (ग) कजरी
ii. सावन किस जगह का प्रसिद्ध लोकगीत है?
(क) मिर्जापुर
(ख) बनारस
(ग) पूरबी उत्तर प्रदेश
(घ) पश्चिमी बिहार
उत्तर: (घ) पश्चिमी बिहार
iii. बारहमासा कहां का प्रसिद्ध लोकगीत है
(क) मिर्जापुर
(ख) बनारस
(ग) पूरबी उत्तर प्रदेश
(घ) पश्चिमी बिहार
उत्तर: (ग) पूरबी उत्तर प्रदेश
iv. निम्न में से कौन सा लोकगीत बंगाल का प्रसिद्ध लोकगीत है?
(क) बाउल
(ख) चैताली
(ग) चेता
(घ) ढोला मारू
उत्तर: (क) बाउल
लोकगीत अपनी लोच, ताज़गी और लोकप्रियता में शास्त्रीय संगीत से भिन्न हैं। लोकगीत सीधे जनता के संगीत हैं। घर, गाँव और नगर की जनता के गीत हें ये। इनके लिए साधना की ज़रूरत नहीं होती। त्योहारों और विशेष अवसरों पर ये गाए जाते हैं। सदा से ये गाए जाते रहे हैं और इनके रचनेवाले भी अधिकतर गाँव के लोग ही है। स्त्रियों ने भी इनकी रचना में विशेष भाग लिया है। ये गीत बाजों की मदद के बिना ही या साधारण ढोलक, झाँझ, करताल, बाँसुरी आदि की मदद से गाए जाते हैं।
एक समय था जब शास्त्रीय संगीत के सामने इनको हेय समझा जाता था।
i. लोकगीत निम्नलिखित में से किसकी वजह से शास्त्रीय संगीत से भिन्न हैं?
(क) लोकप्रियता
(ख) सुर
(ग) शब्द
(घ) प्रभाव क्षेत्र
उत्तर: (क) लोकप्रियता
ii. लोकगीत कौन गाता है?
(क) अभिनेता और अभिनेत्री
(ख) फिल्मों के गायक
(ग) शहर के बच्चे और महिलाएं
(घ) गांव के लोग
उत्तर: (घ) गांव के लोग
iii. लोकगीत के लिए निम्नलिखित में से किस की जरूरत नहीं है?
(क) वाद्य यंत्र
(ख) साधना
(ग) सुर
(घ) उपर्युक्त में से कोई नहीं
उत्तर: (ख) साधना
iv. लोकगीत के रचनाकार कौन है?
(क) गांव के लोग
(ख) शहर के लोग
(ग) गायक
(घ) प्रोड्यूसर
उत्तर: (क) गांव के लोग
इन देहाती गीतों के रचयिता कोरी कल्पना को इतना मान न देकर अपने गीतों के विषय रोज़मर्रा के बहते जीवन से लेते हैं, जिससे वे सीधे मर्म को छू लेते हैं। उनके राग भी साधारणत: पीलू, सारंग, दुर्गा, सावन, सोरठ आदि हैं। कहरवा, बिरहा, धोबिया आदि देहात में बहुत गाए जाते हैं और बड़ी भीड़ आकर्षित करते हैं।
i. कौन अपने लोकगीतों में कोरी कल्पना का प्रयोग नहीं करता है?
(क) ग्रामीण
(ख) शहरी
(ग) आदिवासी
(घ) उपर्युक्त में से कोई नहीं
उत्तर: (क) ग्रामीण
ii. ग्रामीण लोग अपने लोकगीतों में किस चीज का वर्णन करते हैं?
(क) कोरी कल्पना का
(ख) रोजमर्रा की जिंदगी का
(ग) पौराणिक कथाओं का
(घ) उपर्युक्त में से कोई नहीं
उत्तर: (ख) रोजमर्रा की जिंदगी का
iii. देहाती लोक गीतों में कौन से राग का प्रयोग होता है?
(क) सोरठ
(ख) सरस्वती
(ग) दोहा
(घ) चौपाई
उत्तर: (क) सोरठ
iv. निम्नलिखित में से कौन सा लोकगीत देहाती समाज में अधिक मात्रा में गाया जाता है?
(क) गरबा
(ख) गिद्दा
(ग) सरहुल
(घ) बिरहा
उत्तर: (घ) बिरहा
भोजपुरी में करीब तीस-चालीस बरसों से ‘बिदेसिया’ का प्रचार हुआ है। गाने वालों के अनेक समूह इन्हें गाते हुए देहात में फिरते हैं। उधर के ज़िलों में विशेषकर बिहार में बिदेसिया से बढ़कर दूसरे गाने लोकप्रिय नहीं हैं। इन गीतों में अधिकतर रसिकप्रियों और प्रियाओं की बात रहती है, परदेशी प्रेमी की और इनसे करुणा और विरह का रस बरसता है। जंगल की जातियों आदि के भी दल-गीत होते हैं जो अधिकतर बिरहा आदि में गाए जाते हैं। पुरुष एक ओर और स्त्रियाँ दूसरी ओर एक-दूसरे के जवाब के रूप में दल बाँधकर गाते हैं और दिशाएँ गुँजा देते हैं। पर इधर कुछ काल से इस प्रकार के दलीय गायन का हास हुआ है।
i. भोजपुर का प्रसिद्ध लोकगीत कौन सा है?
(क) बिरहा
(ख) बिदेसिया
(ग) मटकोड
(घ) आल्हा
उत्तर: (ख) बिदेसिया
ii. भोजपुर में विदेशिया लोकगीत कब से प्रचलित हुआ?
(क) 30 से 40 वर्षों से
(ख) 45 से 50 वर्षों से
(ग) 60 से 70 वर्षों से
(घ) 100 से 120 वर्षों से
उत्तर: (क) 30 से 40 वर्षों से
iii. बिहार की आदिवासी जनजातियों के बीच कौन सा लोकगीत प्रसिद्ध है?
(क) बिरहा
(ख) बिदेसिया
(ग) मटकोड
(घ) आल्हा
उत्तर: (क) बिरहा
iv. बिहार में दलीय गायन निम्नलिखित में से किन के बीच प्रसिद्ध है?
(क) औरतों
(ख) ग्रामीणों
(ग) दंपत्तियों
(घ) आदिवासियों
उत्तर: (घ) आदिवासियों
विविध बोलियों के लोक-साहित्य और लोकगीतों के संग्रह पर कमर बाँधी है और इस प्रकार के अनेक संग्रह अब तक प्रकाशित भी हो गए हैं। लोकगीतों के कई प्रकार हैं। इनका एक प्रकार तो बड़ा ही ओजस्वी और सजीव है। यह इस देश के आदिवासियों का संगीत है। मध्य प्रदेश, दकन, छोटा नागपुर में गोंड-खांड, ओराँव-मुंडा, भील-संथाल आदि फैले हुए हैं, जिनमें आज भी जीवन नियमों की जकड में बँध न सका और निर्द्वंद लहराता है। इनके गीत और नाच अधिकतर साथ-साथ और बड़े-बड़े दलों में गाए और नाचे जाते हैं। बीस-बीस, तीस-तीस आदमियों और औरतों के दल एक साथ या एक-दूसरे के जवाब में गाते हें, दिशाएँ गूँज उठती हैं।
पहाड़ियों के अपने-अपने गीत हैं। उनके अपने-अपने भिन्न रूप होते हुए भी अशास्त्रीय होने के कारण उनमें अपनी एक समान भूमि है। गढ़वाल, किन्नौर, काँगड़ा आदि के अपने-अपने गीत और उन्हें गाने की अपनी-अपनी विधियाँ हैं। उनका अलग नाम ही “’पहाड़ी’ पड़ गया है।
वास्तविक लोकगीत देश के गाँवों और देहातों में है। इनका संबंध देहात की जनता से है। बड़ी जान होती है इनमें।
i. लोकगीत किनका संगीत है?
(क) आदिवासियों का
(ख) ग्रामीणों का
(ग) शहरी सभ्य लोगों का
(घ) उपर्युक्त में से कोई नहीं
उत्तर: (क) आदिवासियों का
ii. निम्न में से किस जगह के लोकगीत का नाम पहाड़ी’ पड़ गया है?
(क) कांगड़ा
(ख) मिजोरम
(ग) आंध्र प्रदेश
(घ) तमिलनाडु
उत्तर: (क) कांगड़ा
iii. हमारे देश का वास्तविक लोकगीत कहां के लोकगीत को कहते हैं?
(क) पहाड़ के
(ख) गाँवों और देहातों के
(ग) शहरों के
(घ) उपर्युक्त में से कोई नहीं
उत्तर: (क) गाँवों और देहातों के
iv. लेखक के अनुसार, कहां के लोकगीतों में बड़ी जान होती है?
(क) पहाड़ के
(ख) गांवों और देहातों के
(ग) शहरों के
(घ) उपर्युक्त में से कोई नहीं
उत्तर: (क) पहाड़ के
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