सीबीएसई कक्षा 9 अर्थशास्त्र मार्ग आधारित प्रश्न – अध्याय 4: भारत में खाद्य सुरक्षा

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1970 के दशक में खाद्य सुरक्षा को “हर समय पर्याप्त खाद्य सामग्री की उपलब्धता” (संयुक्त राष्ट्र, 1975) के रूप में समझा जाता था। अमर्त्य सेन ने खाद्य सुरक्षा में एक नया आयाम जोड़ा और खाद्य तक “पहुँच” पर जोर दिया, जिसे उन्होंने ‘अधिकार’ कहा — यह वह संयोजन है जो कोई स्वयं उत्पन्न कर सकता है, बाजार में विनिमय कर सकता है, और राज्य या अन्य सामाजिक रूप से प्रदान की जाने वाली आपूर्ति के माध्यम से प्राप्त कर सकता है। इसके अनुसार, खाद्य सुरक्षा की समझ में एक महत्वपूर्ण बदलाव आया। 1995 के विश्व खाद्य सम्मेलन ने यह घोषित किया, “खाद्य सुरक्षा तब मौजूद होती है जब सभी लोग, हर समय, पर्याप्त, सुरक्षित और पौष्टिक खाद्य तक शारीरिक और आर्थिक पहुँच रखते हैं, जो उनके आहार संबंधी आवश्यकताओं और खाद्य प्राथमिकताओं को सक्रिय और स्वस्थ जीवन के लिए पूरा करते हैं” (एफएओ, 1996, पृष्ठ 3)। इस घोषणा में यह भी माना गया है कि “गरीबी उन्मूलन खाद्य तक पहुँच को सुधारने के लिए आवश्यक है।”

प्रश्न / उत्तर:

प्रश्न 1: 1970 के दशक में खाद्य सुरक्षा की पारंपरिक समझ क्या थी?
उत्तर: 1970 के दशक में खाद्य सुरक्षा को “हर समय पर्याप्त खाद्य सामग्री की उपलब्धता” (संयुक्त राष्ट्र, 1975) के रूप में समझा जाता था।

प्रश्न 2: अमर्त्य सेन ने खाद्य सुरक्षा की संकल्पना में कौन सा नया आयाम जोड़ा?
उत्तर: अमर्त्य सेन ने खाद्य तक “पहुँच” के महत्व पर जोर दिया, जिसे उन्होंने “अधिकार” कहा, जिसमें वह संयोजन शामिल है जो कोई स्वयं उत्पन्न कर सकता है, बाजार में विनिमय कर सकता है और राज्य या अन्य सामाजिक रूप से प्रदान की जाने वाली आपूर्ति से प्राप्त कर सकता है।

प्रश्न 3: 1995 के विश्व खाद्य सम्मेलन के अनुसार खाद्य सुरक्षा को कैसे परिभाषित किया गया है?
उत्तर: 1995 के विश्व खाद्य सम्मेलन के अनुसार, खाद्य सुरक्षा तब मौजूद होती है जब सभी लोग, हर समय, पर्याप्त, सुरक्षित और पौष्टिक खाद्य तक शारीरिक और आर्थिक पहुँच रखते हैं, जो उनके आहार संबंधी आवश्यकताओं और खाद्य प्राथमिकताओं को सक्रिय और स्वस्थ जीवन के लिए पूरा करते हैं।

प्रश्न 4: घोषणा में खाद्य तक पहुँच सुधारने के लिए कौन सा अतिरिक्त तत्व आवश्यक माना गया है?
उत्तर: घोषणा में यह माना गया है कि “गरीबी उन्मूलन” खाद्य तक पहुँच सुधारने के लिए आवश्यक है।

प्रश्न 5: पैसज में खाद्य सुरक्षा के चार मुख्य आयाम कौन से बताए गए हैं?
उत्तर: खाद्य सुरक्षा के चार मुख्य आयाम हैं:

  1. खाद्य की भौतिक उपलब्धता: “आपूर्ति पक्ष” को संबोधित करते हुए खाद्य उत्पादन, भंडारण स्तर और शुद्ध व्यापार को ध्यान में रखा जाता है।
  2. खाद्य तक आर्थिक और भौतिक पहुँच: यह सुनिश्चित करना कि खाद्य हर नागरिक तक पहुँचे और वह सुलभ हो।
  3. खाद्य उपयोग: पोषण की मात्रा, देखभाल और आहार विविधता, और परिवार में खाद्य वितरण पर ध्यान केंद्रित करना।
  4. समय के साथ अन्य तीन आयामों की स्थिरता: यह पहचानना कि मौसमी चुनौतियाँ (जैसे प्रतिकूल मौसम, आर्थिक कारक) खाद्य सुरक्षा स्थिति को प्रभावित कर सकती हैं।

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अंत्योदय अन्न योजना (AAY)

अंत्योदय अन्न योजना (AAY) दिसम्बर 2000 में शुरू की गई थी। इस योजना के तहत, लक्षित सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत गरीबी रेखा से नीचे (BPL) परिवारों में से एक करोड़ सबसे गरीब परिवारों की पहचान की गई थी। गरीब परिवारों की पहचान संबंधित राज्य ग्रामीण विकास विभागों द्वारा गरीबी रेखा से नीचे (BPL) सर्वेक्षण के माध्यम से की गई थी। प्रत्येक पात्र परिवार को 25 किलो खाद्यान्न प्रदान किया गया, जिसे अत्यधिक सब्सिडी दरों पर ₹2 प्रति किलो गेहूं और ₹3 प्रति किलो चावल के हिसाब से उपलब्ध कराया गया। इस मात्रा को अप्रैल 2002 से 25 किलो से बढ़ाकर 35 किलो कर दिया गया। योजना को जून 2003 और अगस्त 2004 में दो बार विस्तार किया गया, जिसमें 50 लाख अतिरिक्त BPL परिवारों को जोड़ा गया। इस वृद्धि के साथ, AAY के तहत 2 करोड़ परिवारों को कवर किया गया।

प्रश्न / उत्तर:

प्रश्न 1: AAY योजना कब शुरू की गई थी, और इसका मुख्य उद्देश्य क्या था?
उत्तर: AAY योजना दिसम्बर 2000 में शुरू की गई थी। इसका मुख्य उद्देश्य खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करना और सबसे गरीब परिवारों को अत्यधिक सब्सिडी दरों पर खाद्यान्न प्रदान कर भारत को भूख मुक्त बनाना था।

प्रश्न 2: AAY योजना के तहत गरीब परिवारों की पहचान कैसे की गई थी?
उत्तर: गरीब परिवारों की पहचान गरीबी रेखा से नीचे (BPL) सर्वेक्षण के माध्यम से की गई थी, जिसे संबंधित राज्य ग्रामीण विकास विभागों द्वारा किया गया था। इन परिवारों को लक्षित सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत कवर किया गया था।

प्रश्न 3: AAY योजना के तहत पात्र परिवारों को कितनी मात्रा में खाद्यान्न उपलब्ध कराई जाती है और किस दर पर?
उत्तर: पात्र परिवारों को प्रत्येक माह 35 किलो चावल उपलब्ध कराया जाता है। गेहूं के लिए सब्सिडी दर ₹2 प्रति किलो और चावल के लिए ₹3 प्रति किलो है।

प्रश्न 4: AAY योजना के तहत समय के साथ खाद्यान्न की मात्रा में कैसे बदलाव हुआ है?
उत्तर: प्रारंभ में 25 किलो खाद्यान्न प्रदान किया जाता था, लेकिन अप्रैल 2002 से इसे बढ़ाकर 35 किलो कर दिया गया। इसके अलावा, जून 2003 और अगस्त 2004 में योजना का विस्तार किया गया, जिसमें 50 लाख अतिरिक्त BPL परिवारों को शामिल किया गया और कुल 2 करोड़ परिवारों को कवर किया गया।

प्रश्न 5: AAY योजना के मुख्य लाभार्थी कौन हैं?
उत्तर: AAY योजना का उद्देश्य वे लोग हैं जो असाध्य रोगों से पीड़ित हैं, विधवाएं, विकलांग, 60 वर्ष या उससे अधिक आयु के व्यक्ति, अकेले रहने वाले पुरुष या महिलाएं, या कृषि में भूमि रहित श्रमिक। इसमें छोटे किसान, कला में लगे लोग और अन्य कमजोर वर्ग भी शामिल हैं।

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