सीबीएसई कक्षा 9 भूगोल मार्ग आधारित प्रश्न और उत्तरअध्यान 5: प्राकृतिक वनस्पति और वन्यजीव

मार्ग 1: भारत में प्राकृतिक वनस्पति
भारत अपनी विविध जलवायु और भौगोलिक परिस्थितियों के कारण एक समृद्ध प्रकार की प्राकृतिक वनस्पति का घर है। देश की प्राकृतिक वनस्पति को मुख्य रूप से वन, घास के मैदान और मरुस्थल वनस्पति में वर्गीकृत किया जा सकता है। वन क्षेत्रों को और अधिक विभाजित किया जा सकता है: उष्णकटिबंधीय वर्षा वन, उष्णकटिबंधीय पर्णपाती वन, समशीतोष्ण वन और अल्पाइन वनस्पति। उष्णकटिबंधीय वर्षा वन भारत के पश्चिमी और पूर्वी तटों पर पाए जाते हैं, और ये पूरे साल भर बहुत अधिक वर्षा प्राप्त करते हैं। ये वन महोगनी, रोजवुड और एबनी जैसे विभिन्न प्रकार के पौधों की प्रजातियों का घर होते हैं। उष्णकटिबंधीय पर्णपाती वन उन क्षेत्रों में पाए जाते हैं जहाँ मध्यम वर्षा होती है, और इनके पेड़ सूखे मौसम में अपने पत्ते गिरा देते हैं। ये वन भारत के अधिकांश मैदानी क्षेत्रों में फैले होते हैं और इनमें सल्ल, सैंडलवुड, और टीक जैसे पेड़ पाए जाते हैं।

प्रश्न / उत्तर:

प्रश्न 1: भारत में पाई जाने वाली तीन मुख्य प्रकार की प्राकृतिक वनस्पति कौन सी हैं?
उत्तर: भारत में पाई जाने वाली तीन मुख्य प्रकार की प्राकृतिक वनस्पति वन, घास के मैदान और मरुस्थल वनस्पति हैं।

प्रश्न 2: भारत में उष्णकटिबंधीय वर्षा वन कहाँ पाए जाते हैं?
उत्तर: उष्णकटिबंधीय वर्षा वन भारत के पश्चिमी और पूर्वी तटों पर पाए जाते हैं।

प्रश्न 3: उष्णकटिबंधीय पर्णपाती वनों की विशेषता क्या है?
उत्तर: उष्णकटिबंधीय पर्णपाती वनों की विशेषता यह है कि इनके पेड़ सूखे मौसम में अपने पत्ते गिरा देते हैं।

प्रश्न 4: उष्णकटिबंधीय वर्षा वनों में पाए जाने वाले दो पेड़ की प्रजातियाँ क्या हैं?
उत्तर: उष्णकटिबंधीय वर्षा वनों में पाए जाने वाले दो पेड़ की प्रजातियाँ महोगनी और रोजवुड हैं।

प्रश्न 5: भारत में मध्यम वर्षा वाले क्षेत्रों में कौन सी वनस्पति पाई जाती है?
उत्तर: भारत में मध्यम वर्षा वाले क्षेत्रों में उष्णकटिबंधीय पर्णपाती वनस्पति पाई जाती है।


मार्ग 2: भारत में वन्यजीव
भारत अपनी अद्भुत वन्यजीव विविधता के लिए जाना जाता है। देश की विविध जलवायु और भौगोलिक परिस्थितियाँ विभिन्न प्रजातियों के लिए उपयुक्त आवास प्रदान करती हैं। हिमालयी क्षेत्र में स्नो लियोपार्ड, हिमालयन ताह्र और रेड पांडा जैसे जानवर पाये जाते हैं। घास के मैदानों और मैदानी क्षेत्रों में भारतीय गैंडे, जंगली भैंस और बांगलादेश बाघ पाए जाते हैं। भारत के घने वनों में विभिन्न प्रकार की मृग, हाथी और बंदर पाए जाते हैं। भारत में पक्षियों की भी समृद्ध विविधता है, जिसमें मोर, हॉर्नबिल और विभिन्न प्रकार के ईगल और गिद्ध शामिल हैं। संरक्षण प्रयासों के कारण कई संकटग्रस्त प्रजातियाँ, जैसे एशियाई शेर और बांगलादेश बाघ, वन्यजीव अभयारण्यों और राष्ट्रीय उद्यानों के माध्यम से संरक्षित की गई हैं।

प्रश्न / उत्तर:

प्रश्न 1: भारत के हिमालयी क्षेत्र में कौन से जानवर पाए जाते हैं?
उत्तर: भारत के हिमालयी क्षेत्र में स्नो लियोपार्ड, हिमालयन ताह्र और रेड पांडा जैसे जानवर पाए जाते हैं।

प्रश्न 2: बांगलादेश बाघ का प्राकृतिक आवास भारत में कहाँ है?
उत्तर: बांगलादेश बाघ का प्राकृतिक आवास भारत के घास के मैदानों और मैदानी क्षेत्रों में पाया जाता है।

प्रश्न 3: भारत में संकटग्रस्त प्रजातियों के संरक्षण के लिए कौन से प्रयास किए गए हैं?
उत्तर: भारत में संकटग्रस्त प्रजातियों के संरक्षण के लिए वन्यजीव अभयारण्यों और राष्ट्रीय उद्यानों की स्थापना जैसे संरक्षण प्रयास किए गए हैं।

प्रश्न 4: भारत में पाई जाने वाली दो पक्षी प्रजातियाँ क्या हैं?
उत्तर: भारत में पाई जाने वाली दो पक्षी प्रजातियाँ मोर और हॉर्नबिल हैं।

प्रश्न 5: भारत के घने वनों में कौन से जानवर आमतौर पर पाए जाते हैं?
उत्तर: भारत के घने वनों में मृग, हाथी और बंदर जैसे जानवर आमतौर पर पाए जाते हैं।


मार्ग 3: प्राकृतिक वनस्पति और वन्यजीवों को खतरे
भारत में प्राकृतिक वनस्पति और वन्यजीवों को मानवीय गतिविधियों के कारण कई खतरे हैं। वन्यजीवों का शिकार, शहरीकरण और औद्योगिकीकरण मुख्य कारण हैं जो आवास विनाश का कारण बन रहे हैं। जब जंगलों को कृषि और शहरी विकास के लिए साफ किया जाता है, तो कई प्रजातियाँ अपने प्राकृतिक आवास खो देती हैं। शिकार और शिकार करना भी एक महत्वपूर्ण खतरा है, विशेष रूप से संकटग्रस्त प्रजातियाँ जैसे बाघ और गैंडे के लिए। जलवायु परिवर्तन, जिसमें तापमान में वृद्धि और असामान्य वर्षा पैटर्न शामिल हैं, पारिस्थितिकी तंत्र और वन्यजीवों को और अधिक संकट में डालता है। आक्रमणकारी प्रजातियाँ भी एक खतरा उत्पन्न करती हैं, जो खाद्य और स्थान के लिए स्थानीय प्रजातियों से प्रतिस्पर्धा करती हैं। इन खतरों से निपटने के लिए यह आवश्यक है कि हम सतत विकास प्रथाओं को अपनाएं और वन्यजीव संरक्षण कानूनों को मजबूत करें।

प्रश्न / उत्तर:

प्रश्न 1: भारत में आवास विनाश के मुख्य कारण क्या हैं?
उत्तर: भारत में आवास विनाश के मुख्य कारण वनों की कटाई, शहरीकरण और औद्योगिकीकरण हैं।

प्रश्न 2: शिकार भारत में वन्यजीवों को कैसे प्रभावित करता है?
उत्तर: शिकार भारत में वन्यजीवों को संकटग्रस्त प्रजातियाँ जैसे बाघ और गैंडे को नुकसान पहुँचाता है, जिसके परिणामस्वरूप उनकी संख्या में गिरावट होती है।

प्रश्न 3: जलवायु परिवर्तन का प्राकृतिक वनस्पति और वन्यजीवों पर क्या प्रभाव है?
उत्तर: जलवायु परिवर्तन का प्रभाव प्राकृतिक वनस्पति और वन्यजीवों पर पारिस्थितिकी तंत्र को बदलकर, तापमान और वर्षा पैटर्न में बदलाव करके प्रजातियों को संकट में डालता है।

प्रश्न 4: आक्रमणकारी प्रजातियाँ भारत में स्थानीय प्रजातियों को कैसे प्रभावित करती हैं?
उत्तर: आक्रमणकारी प्रजातियाँ स्थानीय प्रजातियों से खाद्य और स्थान के लिए प्रतिस्पर्धा करती हैं, जिसके परिणामस्वरूप स्थानीय प्रजातियाँ घटने लगती हैं।

प्रश्न 5: भारत में प्राकृतिक वनस्पति और वन्यजीवों के संरक्षण के लिए क्या कदम उठाए जा सकते हैं?
उत्तर: प्राकृतिक वनस्पति और वन्यजीवों के संरक्षण के लिए सतत विकास प्रथाओं को अपनाना और वन्यजीव संरक्षण कानूनों को मजबूत करना आवश्यक है।

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