Summary-
This story revolves around a doctor, who is also the narrator, and his harrowing encounter with a snake. At the time, the doctor had recently started his medical practice. One hot summer night, after having dinner at a local restaurant, he returned to his small rented house. The house was not electrified, so the doctor lit a kerosene lamp to illuminate the room. Afterward, he took off his coat and shirt, opened the windows to let in some air, and settled down with a book at his desk.
In front of him was a large mirror on the table. During that period, the doctor was particularly concerned with his appearance. He picked up a comb, parted his hair, and admired himself in the mirror. He even practiced smiling, pleased with how he looked. The room was noisy, filled with the scurrying of rats running around.
As the doctor sat reflecting on thoughts about his future marriage, imagining a wealthy and plump wife, something unexpected happened. Without warning, a large, fat snake fell from the ceiling and landed on his shoulder. Before the doctor could even process what was happening, the snake quickly coiled itself around his left arm, its hood extended, and its head positioned only inches from his face. Frozen with fear, the doctor dared not move a muscle. His mind was racing, but his body remained still. In that moment, all he could think of was seeking divine help.
After what felt like an eternity, the snake slowly turned its head toward the mirror, seemingly captivated by its own reflection. Uncoiling itself from the doctor’s arm, the snake slid into the doctor’s lap and then onto the table. As the snake moved closer to the mirror, fascinated by what it saw, the doctor seized his opportunity to escape. He rose slowly, trying not to make any sudden movements, and then bolted out of the house, leaving everything behind.
The doctor spent the night at a friend’s house, still shaken by the terrifying experience. Early the next morning, he returned to his rented home with his friend and a couple of others to help him move out, as he no longer felt safe there. Upon arriving, they discovered that a thief had already stolen most of his belongings during the night. Interestingly, there was no sign of the snake anywhere in the house. Relieved but with little left to carry, the doctor moved on from the unsettling episode.
Important Keywords
Words | Meanings |
---|---|
Doctor | The protagonist and narrator of the story, a newly practicing physician. |
Rented House | The small, unelectrified house where the doctor lived and experienced the snake encounter. |
Kerosene Lamp | The source of light in the doctor’s room, as the house had no electricity. |
Mirror | A large mirror placed on the doctor’s table, which played a crucial role in diverting the snake’s attention. |
Beedi | An Indian cigarette that the doctor lit while contemplating his future marriage. |
Snake | The fat, venomous snake that unexpectedly landed on the doctor’s shoulder and coiled around his arm. |
God | The higher power to whom the doctor prayed during the terrifying encounter with the snake. |
Reflection | The snake was drawn to its own image in the mirror, which gave the doctor a chance to escape. |
Friend’s House | The place where the doctor took refuge after running out of his house in fear. |
Thief | An unknown individual who stole most of the doctor’s possessions during the night of the snake encounter. |
Escape | The act of the doctor slowly rising and running out of the house when the snake turned towards the mirror. |
सारांश-
यह कहानी एक डॉक्टर की है, जो इस कहानी का मुख्य पात्र और कथाकार भी है, और उसकी सांप के साथ खौफनाक मुठभेड़ की। उस समय, डॉक्टर ने हाल ही में अपनी चिकित्सा प्रैक्टिस शुरू की थी। एक गर्मी की रात, डॉक्टर ने एक स्थानीय रेस्तरां में रात का खाना खाया और फिर अपने छोटे से किराए के घर लौट आया। उस घर में बिजली नहीं थी, इसलिए डॉक्टर ने कमरे को रोशन करने के लिए मिट्टी के तेल का दीपक जलाया। इसके बाद, उन्होंने अपना कोट और शर्ट उतारा, खिड़कियों को खोल दिया ताकि हवा आ सके, और फिर अपनी मेज पर बैठकर एक किताब पढ़ने लगे।
उनके सामने एक बड़ी सी आईना मेज पर रखा था। उन दिनों डॉक्टर अपने रूप-रंग को लेकर काफी चिंतित रहते थे। उन्होंने कंघी उठाई, अपने बाल संवारें, और आईने में अपनी छवि की प्रशंसा की। उन्होंने मुस्कुराने का अभ्यास भी किया, जिससे वह अपने रूप से संतुष्ट दिख रहे थे। कमरे में चूहों के दौड़ने की आवाज़ें आ रही थीं, जो लगातार शोर मचा रहे थे।
जैसे ही डॉक्टर अपनी भविष्य की शादी के बारे में सोचने लगे, एक समृद्ध और मोटी पत्नी की कल्पना करते हुए, अचानक एक बड़ी और मोटी साँप छत से गिर कर उनके कंधे पर आ गई। डॉक्टर कुछ भी सोच पाते, उससे पहले ही साँप ने तेजी से उनके बाएं हाथ के चारों ओर लिपट कर जकड़ लिया। उसका फन फैला हुआ था, और उसका सिर डॉक्टर के चेहरे से मात्र कुछ इंच दूर था। डर के मारे डॉक्टर पत्थर की तरह स्तब्ध हो गए, एकदम निश्चल। उनके दिमाग में हलचल हो रही थी, लेकिन शरीर पूरी तरह से जड़ हो गया था। उस क्षण, उन्होंने केवल ईश्वर से सहायता की प्रार्थना की।
कुछ समय बाद, साँप ने धीरे-धीरे अपना सिर आईने की ओर मोड़ा, जैसे वह अपनी छवि से मोहित हो गया हो। उसने डॉक्टर के हाथ से खुद को धीरे-धीरे खोल दिया, उनकी गोद में गिरा और फिर मेज पर रेंगते हुए आईने के करीब पहुंच गया। जब साँप आईने की ओर ध्यान लगा रहा था, डॉक्टर ने मौके का फायदा उठाया। उन्होंने धीरे-धीरे उठकर बिना किसी हलचल के बाहर की ओर दौड़ लगाई और घर से भाग निकले, अपनी सारी चीज़ें वहीं छोड़कर।
डॉक्टर ने वह रात अपने एक मित्र के घर बिताई, क्योंकि वह सांप के अनुभव से अभी भी डरे हुए थे। अगली सुबह, वह अपने दोस्त और कुछ अन्य लोगों के साथ वापस अपने किराए के घर लौटे ताकि अपना सामान वहां से निकाल सकें, क्योंकि अब उन्हें वहाँ रहना सुरक्षित नहीं लग रहा था। जब वे पहुंचे, तो उन्हें पता चला कि एक चोर ने रात में पहले ही उनके अधिकांश सामान चुरा लिया था। दिलचस्प बात यह थी कि उस घर में सांप का कोई निशान भी नहीं मिला। डॉक्टर को राहत महसूस हुई, लेकिन उनके पास अब ले जाने के लिए बहुत कम सामान बचा था। इस भयावह घटना से उबरते हुए, डॉक्टर ने उस घटना को पीछे छोड़ दिया।
महत्वपूर्ण शब्द
शब्द | अर्थ |
---|---|
डॉक्टर | इस कहानी के नायक और कथाकार, एक नया प्रैक्टिस शुरू करने वाला चिकित्सक। |
किराए का घर | वह छोटा सा घर जिसमें डॉक्टर रहते थे, जिसमें बिजली नहीं थी और सांप की मुठभेड़ हुई थी। |
मिट्टी का तेल का दीपक | वह दीपक जो डॉक्टर ने कमरे में रोशनी के लिए जलाया क्योंकि घर में बिजली नहीं थी। |
आईना | डॉक्टर की मेज पर रखा हुआ बड़ा सा आईना, जिसने सांप का ध्यान खींचा और डॉक्टर को भागने का मौका मिला। |
बीड़ी | वह भारतीय सिगरेट जिसे डॉक्टर ने अपने भविष्य की शादी के बारे में सोचते समय जलाई थी। |
सांप | मोटा और विषैला साँप जो डॉक्टर के कंधे पर गिरा और उनके हाथ में लिपट गया। |
ईश्वर | वह उच्च शक्ति जिसकी डॉक्टर ने प्रार्थना की जब सांप ने उन्हें घेर लिया था। |
छवि | आईने में दिखने वाली तस्वीर, जिसने सांप का ध्यान खींचा और डॉक्टर को भागने का मौका दिया। |
मित्र का घर | वह जगह जहाँ डॉक्टर ने सांप के डर से घर छोड़कर शरण ली। |
चोर | वह व्यक्ति जिसने रात में डॉक्टर का अधिकतर सामान चुरा लिया। |
भागना | डॉक्टर द्वारा सावधानी से उठकर उस समय घर से भागने की क्रिया, जब सांप ने आईने की तरफ ध्यान दिया। |
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