CBSE Class 9th English Beehive Chapter 6 My Childhood -Summary

Summary-

This lesson provides insight into the early life of Prof. Abdul Kalam, one of the world’s greatest scientists. He was born in 1931 in Rameswaram to parents Jainulabdeen and Ashiamma. Though his family was neither highly educated nor wealthy, they were known for their generosity and kindness, often feeding outsiders along with their family. Abdul Kalam had three brothers and one sister, and they lived together in a large, old ancestral house on Mosque Street in Rameswaram.

Early Life and First Earnings

Abdul Kalam’s early life was shaped by historical events like World War II, which broke out in 1939 when he was just eight years old. Due to the war, there was a sudden demand for tamarind seeds, which Abdul collected and sold, earning his first income. Additionally, he worked for his cousin Samsuddin, who was a newspaper distributor. Abdul was employed as a helping hand, and this marked his first experience of earning money.

Caste Discrimination in School

Abdul Kalam’s parents and a few of his teachers and friends left a deep impression on him. He was in the fifth standard at Rameswaram Elementary School when a new teacher, influenced by caste prejudice, asked Abdul to sit on the back bench because he was a Muslim. Abdul was sitting with his close friend Ramanadha Sastry, the son of a Hindu priest. The teacher could not tolerate seeing a Hindu priest’s son sitting with a Muslim boy. Abdul and his friend Sastry were both deeply saddened by this act of discrimination. Sastry’s father, a respected priest, later reprimanded the teacher for spreading social division, and the teacher realized his mistake and felt sorry.

Influence of Science Teacher and Breaking Social Barriers

Abdul Kalam’s science teacher, Sivasubramania Iyer, was a high-caste Brahmin with a conservative wife. However, he was determined to break caste-based social barriers. One day, he invited Abdul to his home for a meal. His wife refused to serve Abdul in her kitchen due to her conservative views, so Sivasubramania himself served Abdul and sat beside him to eat. This act of equality impressed Abdul. The teacher invited him again the following weekend, and this time, Sivasubramania’s wife served Abdul herself, overcoming her previous prejudice.

Family Values and Departure for Higher Studies

Abdul Kalam inherited honesty and self-discipline from his father, which played a significant role in shaping his character. As Abdul grew older, he expressed a desire to pursue higher studies in Ramanathapuram. Although his mother was emotional about his departure, his father consoled her with wisdom from the Persian philosopher Khalil Gibran, explaining that children are not possessions but independent individuals. They come through their parents, but their thoughts and lives belong to them.

This wise outlook on life and the encouragement of his parents allowed Abdul Kalam to embark on his journey to become a great scientist.

Important Keywords

WordsMeanings
Abdul KalamThe protagonist of the story, a renowned scientist and former President of India.
Jainulabdeen and AshiammaAbdul Kalam’s parents, known for their generosity and kindness.
RameswaramThe birthplace of Abdul Kalam in 1931.
World War IIThe global conflict that broke out in 1939, affecting Abdul Kalam’s early life and earning opportunities.
Tamarind SeedsSeeds that Abdul Kalam collected and sold during World War II to earn money.
SamsuddinAbdul Kalam’s cousin who distributed newspapers and gave Abdul his first job.
Caste DiscriminationThe act of prejudice by Abdul’s new teacher in school, based on caste differences.
Ramanadha SastryAbdul Kalam’s close friend and the son of a Hindu priest, who faced discrimination with Abdul.
Sivasubramania IyerAbdul Kalam’s science teacher who broke caste barriers and treated Abdul with equality.
Khalil GibranA Persian philosopher whose teachings influenced Abdul Kalam’s father’s views on parenting.
Human ValuesQualities like honesty, self-discipline, and equality that Abdul inherited from his family and mentors.

सारांश-

यह पाठ प्रोफेसर अब्दुल कलाम के शुरुआती जीवन के बारे में जानकारी प्रदान करता है, जो दुनिया के सबसे महान वैज्ञानिकों में से एक हैं। उनका जन्म 1931 में रामेश्वरम में हुआ था। उनके माता-पिता का नाम जैनुलाब्दीन और आशियम्मा था। हालांकि उनका परिवार न तो बहुत शिक्षित था और न ही संपन्न, लेकिन वे अपनी उदारता और दयालुता के लिए प्रसिद्ध थे। उनके परिवार के साथ कई बाहरी लोग भी भोजन करते थे। अब्दुल कलाम के तीन भाई और एक बहन थे, और वे सभी अपने बड़े, पुराने पैतृक घर में साथ रहते थे, जो रामेश्वरम की मस्जिद स्ट्रीट पर स्थित था।

प्रारंभिक जीवन और पहली कमाई

अब्दुल कलाम का शुरुआती जीवन द्वितीय विश्व युद्ध जैसी ऐतिहासिक घटनाओं से प्रभावित था, जो 1939 में तब शुरू हुआ जब वे केवल आठ साल के थे। युद्ध के दौरान इमली के बीजों की अचानक मांग बढ़ गई। अब्दुल कलाम इन बीजों को इकट्ठा करते और उन्हें बेचते थे, जिससे उन्होंने अपनी पहली कमाई की। इसके अलावा, उन्होंने अपने चचेरे भाई, शम्सुद्दीन के साथ काम किया, जो अखबार वितरक थे। अब्दुल को उनके सहायक के रूप में नियुक्त किया गया, और यह उनकी पहली नौकरी थी, जहाँ से उन्हें अपनी पहली मजदूरी मिली।

स्कूल में जातिगत भेदभाव

अब्दुल कलाम के जीवन में उनके माता-पिता, कुछ शिक्षक और मित्रों का गहरा प्रभाव पड़ा। वे रामेश्वरम के प्राथमिक स्कूल में पाँचवीं कक्षा में थे, जब एक नए शिक्षक ने जातिगत पूर्वाग्रह के कारण अब्दुल को पिछली बेंच पर बैठने के लिए कहा क्योंकि वे मुस्लिम थे। अब्दुल अपने करीबी मित्र रामनाथ शास्त्री के साथ अगली पंक्ति में बैठे थे, जो एक हिंदू पुजारी के पुत्र थे। शिक्षक एक हिंदू पुजारी के पुत्र को एक मुस्लिम लड़के के साथ बैठते हुए नहीं देख सकते थे। अब्दुल और शास्त्री, दोनों ही इस भेदभाव से बहुत दुखी हुए। शास्त्री के पिता, जो एक प्रतिष्ठित पुजारी थे, ने शिक्षक को डांटा और उनसे कहा कि वे बच्चों के बीच सामाजिक विभाजन का ज़हर न फैलाएँ। शिक्षक को अपनी गलती का एहसास हुआ और उन्होंने इसके लिए खेद प्रकट किया।

विज्ञान शिक्षक का सामाजिक बंधन तोड़ने का प्रयास

अब्दुल कलाम के विज्ञान शिक्षक, सिवासुब्रमण्या अय्यर, उच्च जाति के ब्राह्मण थे, जिनकी पत्नी बहुत ही पारंपरिक थी। हालांकि, वे सामाजिक बंधनों को तोड़ने के लिए दृढ़ थे। एक दिन, उन्होंने अब्दुल को अपने घर खाने के लिए आमंत्रित किया। उनकी पत्नी ने अब्दुल को अपने रसोईघर में परोसने से इनकार कर दिया। तब सिवासुब्रमण्या ने अपने हाथों से अब्दुल को खाना परोसा और उनके साथ बैठकर भोजन किया। यह समानता का कार्य अब्दुल पर गहरी छाप छोड़ गया। अगले सप्ताह उन्होंने फिर से अब्दुल को घर आने का निमंत्रण दिया, और इस बार उनकी पत्नी ने अब्दुल को खुद भोजन परोसा, अपने पिछले पूर्वाग्रह को त्याग दिया।

पारिवारिक मूल्य और उच्च शिक्षा के लिए प्रस्थान

अब्दुल कलाम ने अपने पिता से ईमानदारी और आत्म-अनुशासन जैसे गुण सीखे, जो उनके चरित्र निर्माण में महत्वपूर्ण रहे। जब अब्दुल बड़े हुए, तो उन्होंने उच्च शिक्षा के लिए रामनाथपुरम जाने की इच्छा जताई। उनकी माँ उनके प्रस्थान से भावुक हो गईं, लेकिन उनके पिता ने खलील जिब्रान के ज्ञान से उन्हें सांत्वना दी। उन्होंने अपनी पत्नी से कहा कि उनके बच्चे उनके नहीं हैं; वे जीवन की अभिलाषा के पुत्र और पुत्रियाँ हैं। वे उनके माध्यम से आए हैं, लेकिन उनसे नहीं। माता-पिता अपने बच्चों को अपना प्यार दे सकते हैं, लेकिन उनके विचार उनके स्वयं के हैं।

इस प्रकार की समझ और उनके माता-पिता की प्रेरणा ने अब्दुल कलाम को एक महान वैज्ञानिक बनने की यात्रा पर निकलने का आत्मविश्वास दिया।

महत्वपूर्ण कीवर्ड

शब्दअर्थ
अब्दुल कलामकहानी के नायक, एक प्रसिद्ध वैज्ञानिक और भारत के पूर्व राष्ट्रपति।
जैनुलाब्दीन और आशियम्माअब्दुल कलाम के माता-पिता, जो अपनी उदारता और दयालुता के लिए जाने जाते थे।
रामेश्वरम1931 में अब्दुल कलाम का जन्मस्थान।
द्वितीय विश्व युद्ध1939 में शुरू हुआ वैश्विक संघर्ष, जिसने अब्दुल कलाम के प्रारंभिक जीवन और कमाई के अवसरों को प्रभावित किया।
इमली के बीजबीज जिन्हें अब्दुल कलाम ने द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान बेचकर पैसे कमाए।
शम्सुद्दीनअब्दुल कलाम के चचेरे भाई, जिन्होंने उन्हें अखबार वितरण में काम दिया।
जातिगत भेदभावस्कूल में अब्दुल के नए शिक्षक द्वारा जाति के आधार पर किया गया भेदभाव।
रामनाथ शास्त्रीअब्दुल कलाम के करीबी मित्र और एक हिंदू पुजारी के पुत्र, जिन्होंने अब्दुल के साथ भेदभाव सहा।
सिवासुब्रमण्या अय्यरअब्दुल कलाम के विज्ञान शिक्षक, जिन्होंने जातिगत बंधनों को तोड़ा और अब्दुल के साथ समान व्यवहार किया।
खलील जिब्रानएक फ़ारसी दार्शनिक, जिनकी शिक्षा ने अब्दुल कलाम के पिता के पालन-पोषण संबंधी विचारों को प्रभावित किया।
मानव मूल्यईमानदारी, आत्म-अनुशासन और समानता जैसे गुण, जिन्हें अब्दुल ने अपने परिवार और शिक्षकों से सीखा।

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