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CBSE Class 9th English Beehive Chapter 9 The Bond of Love-Summary

Summary-

The Accidental Gift of a Baby Bear
“The Bond of Love” narrates the heartwarming tale of the bond between a pet bear cub and the author’s wife. The author acquired the bear cub by chance during an outing near Mysore, where they observed a wild sloth bear being shot to protect sugarcane fields. Despite not wanting to shoot the bear, one of his companions did, leading to the discovery of a baby bear that was left alone. The author managed to catch the frightened cub, which ran away in distress after witnessing its mother being shot.

Presenting Bruno
Once captured, the author brought the bear cub to Bangalore and gifted it to his wife, who was overjoyed. She named the male bear cub Bruno, and she took on the role of a nurturing mother, providing him with love and care.

Bruno’s Upbringing
Bruno adapted quickly to his new home. He began drinking milk from a bottle and enjoyed a varied diet, including porridge, vegetables, fruits, nuts, and even tea, milk, coffee, and alcohol. The author’s wife treated Bruno as her own child, and he formed bonds with the family’s two Alsatian dogs, playing and running freely in the house. Bruno was playful and loved by the children in the family, often sleeping in their beds.

A Strange Incident
One unfortunate day, Bruno ingested barium carbonate, a poison used to kill rats in the library. He became paralyzed and weakened but managed to drag himself to his owner for help. The author’s wife rushed him to a veterinary surgeon, who administered antidotes that eventually revived him. There was another incident where Bruno drank a gallon of old engine oil without any adverse effects, showcasing his resilience.

Bruno’s Growth and Tricks
As time passed, Bruno grew in size and strength, matching the two dogs in height and even surpassing them. He became mischievous and playful, learning tricks like wrestling and boxing at the command of his owner. However, due to the need to keep him safe from the children of tenants, he had to be chained often.

The Decision to Send Bruno to the Zoo
As Bruno continued to grow, the author, his son, and friends advised the author’s wife that it was time to send Baba (the name she affectionately gave Bruno) to the Mysore Zoo, as he was becoming too large to keep at home. After much deliberation, she consented, and arrangements were made to transport Bruno to the zoo.

The Heartache of Separation
Following Bruno’s departure, the family felt a deep sense of loss, especially the author’s wife, who mourned the bear’s absence. She refused to eat and wrote numerous letters to the zoo curator, and even Bruno missed his home and refused food, appearing thin and sad.

Reunion at the Zoo
After three months of distress, the author finally took his wife to visit Bruno at the zoo. Contrary to the expectations of their friends, Bruno immediately recognized his owner, responding with joy. She spent hours feeding him treats, including tea, cakes, and ice cream, until closing time arrived, and they had to leave.

Getting Bruno Back Home
The author’s wife, distraught at having to leave, pleaded with the zoo curator and later the superintendent, who was sympathetic to her situation. After some persuasion, they agreed to let Baba return home, providing a cage for transport.

Bruno’s New Home
Upon returning home, the family created a special island for Bruno, surrounded by a moat, ensuring he had a safe and spacious living area. With a wooden box for sleeping, Bruno quickly adapted to his new surroundings. The author’s wife spent hours by his side, cherishing their bond. Now fifteen months old and quite heavy, Bruno had found his place back in the family, solidifying the love that they shared.


Important Keywords Summary

WordsMeanings
Bond of LoveThe story of love and friendship between the author’s wife and a pet bear cub, Bruno.
Accidental GiftThe bear cub was acquired by chance during an outing near Mysore, leading to his rescue.
BrunoThe name given to the baby bear by the author’s wife after he was brought home.
UpbringingBruno was raised with care, treated like a child, and provided with a varied diet.
Strange IncidentBruno’s accidental poisoning from barium carbonate and his miraculous recovery.
GrowthBruno grew significantly, matching the size of the family’s two Alsatian dogs.
Zoo DecisionThe decision to send Bruno to the Mysore Zoo due to his increasing size and need for space.
Heartache of SeparationThe emotional toll on the family, especially the author’s wife, after Bruno was sent to the zoo.
ReunionThe touching reunion at the zoo where Bruno recognized his owner, leading to emotional moments.
Bruno’s New HomeThe special island created for Bruno at home, allowing him to live happily with the family.

सारांश-

एक बेबी भालू का आकस्मिक उपहार
“द बांड ऑफ लव” एक दिल को छू लेने वाली कहानी है, जो एक पालतू भालू के बच्चे और लेखक की पत्नी के बीच के रिश्ते को दर्शाती है। लेखक ने यह भालू का बच्चा एक आकस्मिक घटना के दौरान प्राप्त किया, जब वे मैसूर के पास गन्ने के खेतों में घूम रहे थे। वहां, एक जंगली भालू को खेतों को सुरक्षित रखने के लिए गोली मार दी गई। लेखक भालू को नहीं मारना चाहते थे, लेकिन उनके एक साथी ने उसे मार दिया, जिससे एक शिशु भालू अकेला रह गया। लेखक ने उस डरते हुए बच्चे को पकड़ा, जो अपनी माँ को मरते हुए देखकर डर के मारे भाग गया था।

ब्रूनो का उपहार
पकड़े जाने के बाद, लेखक ने भालू के बच्चे को बैंगलोर लाया और अपनी पत्नी को उपहार दिया, जिसे देखकर वह बहुत खुश हुईं। उन्होंने इस नर भालू के बच्चे का नाम ब्रूनो रखा और उसकी देखभाल करने वाली माँ का किरदार निभाया।

ब्रूनो की परवरिश
ब्रूनो ने अपने नए घर में जल्दी ही अनुकूलन कर लिया। उसने बोतल से दूध पीना शुरू किया और विभिन्न प्रकार के खाद्य पदार्थों का आनंद लिया, जिसमें दलिया, सब्जियाँ, फल, नट, और यहां तक कि चाय, दूध, कॉफी और शराब भी शामिल थे। लेखक की पत्नी ने ब्रूनो को अपने बच्चे की तरह संभाला, और उसने परिवार के दो आल्सेशियन कुत्तों के साथ भी दोस्ती की, खेलता और घर में स्वतंत्र रूप से दौड़ता रहा। ब्रूनो बहुत चंचल था और परिवार के बच्चों द्वारा प्यार किया गया, अक्सर उनके बिस्तरों में सोता था।

एक अजीब घटना
एक दुर्भाग्यपूर्ण दिन, ब्रूनो ने लाइब्रेरी में बेरियम कार्बोनेट, जो चूहों को मारने के लिए इस्तेमाल किया गया था, निगल लिया। वह लकवाग्रस्त हो गया और कमजोर हो गया लेकिन फिर भी अपने मालिक के पास मदद के लिए खींच लाया। लेखक की पत्नी उसे जल्दी से एक पशु चिकित्सक के पास ले गई, जिसने उसे एंटी-डोट दिया, जिससे वह अंततः ठीक हो गया। एक और घटना में, ब्रूनो ने एक गैलन पुराना इंजन का तेल पी लिया, लेकिन इससे उसे कोई हानि नहीं हुई, जो उसकी सहनशक्ति को दर्शाता है।

ब्रूनो की वृद्धि और करतब
जैसे-जैसे समय बीतता गया, ब्रूनो का आकार और शक्ति बढ़ती गई, और वह दो कुत्तों के बराबर हो गया। वह शरारती और चंचल बन गया, और अपने मालिक के आदेश पर कुश्ती और मुक्केबाजी जैसे करतब सीखने लगा। हालाँकि, बच्चों की सुरक्षा के लिए उसे अक्सर रस्सी से बांधना पड़ता था।

चिड़ियाघर में भेजने का निर्णय
जैसे-जैसे ब्रूनो बड़ा होता गया, लेखक, उसके बेटे और दोस्तों ने लेखक की पत्नी को सलाह दी कि उसे बब्बा (जो नाम उन्होंने प्यार से दिया) को मैसूर चिड़ियाघर भेजना चाहिए, क्योंकि वह घर में रखने के लिए बहुत बड़ा हो गया था। कई विचार-विमर्श के बाद, उसने सहमति दी और चिड़ियाघर में ब्रूनो को भेजने की व्यवस्था की गई।

विभाजन का दुख
ब्रूनो के जाने के बाद, परिवार ने गहरी हानि महसूस की, विशेषकर लेखक की पत्नी, जिसने भालू की अनुपस्थिति का शोक मनाया। उसने खाना खाने से इनकार कर दिया और चिड़ियाघर के क्यूरेटर को कई पत्र लिखे। यहां तक कि ब्रूनो ने भी अपने घर को याद किया और खाना खाने से इनकार कर दिया, पतला और उदास दिख रहा था।

चिड़ियाघर में पुनर्मिलन
तीन महीने के तनाव के बाद, लेखक ने अंततः अपनी पत्नी को चिड़ियाघर में ब्रूनो से मिलने के लिए ले गया। उनके दोस्तों की अपेक्षाओं के विपरीत, ब्रूनो ने तुरंत अपनी मालिक को पहचान लिया और खुशी से प्रतिक्रिया दी। उसने उसे चाय, केक, और आइसक्रीम जैसे व्यंजन खिलाने में कई घंटे बिताए, जब तक कि चिड़ियाघर बंद होने का समय नहीं आ गया।

ब्रूनो को घर लाना
लेखक की पत्नी, जो जाने के लिए बहुत दुखी थी, चिड़ियाघर के क्यूरेटर और बाद में सुपरिंटेंडेंट से मिली, जो उसकी स्थिति के प्रति सहानुभूतिशील थे। कुछ प्रार्थना के बाद, उन्होंने बब्बा को वापस घर लाने की सहमति दी और परिवहन के लिए एक पिंजरा दिया।

ब्रूनो का नया घर
घर लौटने पर, परिवार ने ब्रूनो के लिए एक विशेष द्वीप बनाया, जो एक खाई से घिरा हुआ था, ताकि उसे सुरक्षित और विशाल जीवन स्थान मिल सके। एक लकड़ी का बक्सा सोने के लिए रखा गया, और ब्रूनो जल्दी से अपने नए परिवेश में अनुकूलित हो गया। लेखक की पत्नी ने उसके पास घंटों बिताए, उनके बीच के बंधन को संजोते हुए। अब पंद्रह महीने का और काफी भारी हो चुका, ब्रूनो ने परिवार में अपनी जगह पा ली, जिससे उनके बीच के प्यार को और मजबूत किया।

महत्वपूर्ण कीवर्ड सारांश

शब्दअर्थ
प्यार का बंधनलेखक की पत्नी और पालतू भालू के बच्चे, ब्रूनो के बीच के प्यार और दोस्ती की कहानी।
आकस्मिक उपहारभालू का बच्चा एक आकस्मिक घटना के दौरान मैसूर के पास प्राप्त हुआ, जिसने उसे बचाने की कहानी बनाई।
ब्रूनोलेखक की पत्नी द्वारा घर लाए गए भालू के बच्चे को दिया गया नाम।
परवरिशब्रूनो को प्यार और देखभाल के साथ बड़े किया गया, जैसे कि वह एक बच्चा हो।
अजीब घटनाब्रूनो का बेरियम कार्बोनेट से आकस्मिक जहर और उसके चमत्कारी ठीक होने की कहानी।
विकासब्रूनो का आकार और ताकत बढ़ती गई, जिससे वह परिवार के दो आल्सेशियन कुत्तों के बराबर हो गया।
चिड़ियाघर का निर्णयबढ़ते आकार और जगह की जरूरत के कारण ब्रूनो को मैसूर चिड़ियाघर भेजने का निर्णय।
विभाजन का दुखचिड़ियाघर में भेजे जाने के बाद परिवार, विशेषकर लेखक की पत्नी पर पड़ा भावनात्मक प्रभाव।
पुनर्मिलनचिड़ियाघर में भावुक पुनर्मिलन, जहां ब्रूनो ने अपनी मालिक को पहचाना।
ब्रूनो का नया घरब्रूनो के लिए घर में बनाया गया विशेष द्वीप, जहां वह परिवार के साथ खुशहाल जीवन जीता है।

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