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CBSE Class 9th English Beehive Poem 2 Wind Summary-Summary

Summary-

Introduction
In this poem, Subramania Bharati explores the dual nature of the wind, portraying it as both a destructive and a constructive force. The wind symbolizes the challenges faced in life, illustrating that resilience and strength can help us overcome difficulties, while weakness can lead to succumbing under pressure.

Stanza 1

Lines:
“Wind, come softly.
Don’t break the shutters of the windows.
Don’t scatter the papers.
Don’t throw down the books on the shelf.”

Explanation:
The poet personifies the wind, addressing it directly and pleading for it to be gentle. He requests that the wind refrain from causing destruction to his belongings, such as windows and books. This opening stanza sets a tone of vulnerability, illustrating the poet’s desire for stability in the face of natural forces.

Word Meanings:

WordMeaning
WindNatural movement of air; symbolizes change.
SoftlyGently; without force.
BreakTo separate into pieces; signifies destruction.
ShuttersCovers for windows; provides protection.
ScatterTo spread out in different directions; signifies disorder.

Stanza 2

Lines:
“There, look what you did — you threw them all down.
You tore the pages of the books.
You brought rain again.
You’re very clever at poking fun at weaklings.
Frail crumbling houses, crumbling doors, crumbling rafters,
crumbling wood, crumbling bodies, crumbling lives,
crumbling hearts —
the wind god winnows and crushes them all.”

Explanation:
In this stanza, the poet reflects on the chaos caused by the wind, noting its disregard for his pleas. The wind has wreaked havoc, tearing pages from books and destroying weak structures and lives. The poet expresses anger and frustration, highlighting the wind’s mocking nature towards the weak. This stanza emphasizes the destructive power of challenges and how they can dismantle the frail.

Word Meanings:

WordMeaning
ThrewPast tense of throw; to cause to fall.
TorePast tense of tear; to rip apart.
RainPrecipitation; symbolizes emotional turmoil.
CleverIntelligent; capable of understanding.
CrumblingBreaking down; signifies weakness and fragility.

Stanza 3

Lines:
“He won’t do what you tell him.
So, come, let’s build strong homes,
Let’s joint the doors firmly.
Practice to firm the body.
Make the heart steadfast.
Do this, and the wind will be friends with us.
The wind blows out weak fires.
He makes strong fires roar and flourish.
His friendship is good.
We praise him every day.”

Explanation:
The poet acknowledges the wind’s inherent nature to be uncontrollable. Instead of attempting to tame it, he suggests building resilience through strength—constructing sturdy homes and developing a strong heart and body. The wind is portrayed as a friend to the strong, capable of nurturing rather than destroying. This stanza conveys a message of empowerment, urging individuals to embrace challenges as opportunities for growth.

Word Meanings:

WordMeaning
BuildTo construct; signifies preparation and resilience.
JointTo connect or fasten; signifies security.
PracticeTo perform repeatedly; signifies effort in strengthening.
SteadfastFirm and unwavering; symbolizes determination.
RoarTo make a loud noise; signifies strength and vitality.

Conclusion

Bharati’s poem teaches that rather than viewing life’s challenges as threats, we should prepare ourselves to face them with strength and resilience. The wind, both a destroyer and a nurturer, symbolizes the trials of life that test our endurance. By building our inner and outer strength, we can transform adversities into allies, ultimately celebrating our growth through these experiences.

सारांश-

इस कविता में, सुभ्रमण्यम भारती हवा के दोहरे स्वभाव को दर्शाते हैं, जिसे एक विनाशकारी और रचनात्मक बल के रूप में प्रस्तुत किया गया है। हवा जीवन में आने वाली चुनौतियों का प्रतीक है, यह दर्शाते हुए कि सहनशीलता और शक्ति हमें कठिनाइयों को पार करने में मदद कर सकती हैं, जबकि कमजोरी हमें दबा सकती है।

चरण 1

पंक्तियाँ:
“हवा, धीरे आओ।
खिड़कियों के शटर मत तोड़ो।
कागज मत बिखेरो।
शेल्फ पर रखी किताबें मत गिराओ।”

व्याख्या:
कवि हवा को मानव की तरह संबोधित करता है और उससे निवेदन करता है कि वह नरम रहे। वह चाहता है कि हवा उसके सामान, जैसे खिड़कियाँ और किताबें, को नुकसान न पहुँचाए। यह शुरुआती चरण कवि की कमजोरी और स्थिरता की इच्छा को दर्शाता है, जब वह प्राकृतिक बलों का सामना कर रहा है।

शब्दार्थ:

शब्दअर्थ
हवावायुमंडल में प्राकृतिक गति; परिवर्तन का प्रतीक।
धीरेनर्मता से; बिना बल के।
तोड़नाटुकड़ों में अलग करना; विनाश का प्रतीक।
शटरखिड़कियों के लिए आवरण; सुरक्षा प्रदान करता है।
बिखेरनाविभिन्न दिशाओं में फैलाना; असमानता का प्रतीक।

चरण 2

पंक्तियाँ:
“देखो, तुमने क्या किया — तुमने सब कुछ गिरा दिया।
तुमने किताबों के पन्ने फाड़ दिए।
तुम फिर बारिश लाए।
तुम बहुत चालाक हो, कमजोरों का मजाक उड़ाने में।
कमजोर, ढहती हुई घर, ढहते दरवाजे, ढहती छतें,
ढहता लकड़ी, ढहती ज़िंदगियाँ,
ढहते दिल —
हवा का देवता इन्हें चुनता और कुचलता है।”

व्याख्या:
इस चरण में, कवि हवा द्वारा उत्पन्न अराजकता पर ध्यान केंद्रित करता है, जो उसकी प्रार्थनाओं की अनदेखी करती है। हवा ने किताबों के पन्नों को फाड़ दिया है और कमजोर संरचनाओं और जीवन को नष्ट कर दिया है। कवि गुस्सा और निराशा व्यक्त करता है, हवा की कमजोरों के प्रति मजाकिया प्रकृति को उजागर करता है। यह चरण चुनौतियों की विनाशकारी शक्ति पर जोर देता है और कैसे वे कमजोरों को बिखेर सकती हैं।

शब्दार्थ:

शब्दअर्थ
गिरानागिराने का क्रिया; गिराने का परिणाम।
फाड़नाअलग करना; फाड़ने का परिणाम।
बारिशवर्षा; भावनात्मक अशांति का प्रतीक।
चालाकबुद्धिमान; समझने की क्षमता।
ढहताटूटना; कमजोरी और नाजुकता का प्रतीक।

चरण 3

पंक्तियाँ:
“वह तुम्हारी बात नहीं मानेगा।
तो चलो, हम मजबूत घर बनाएँ,
दरवाजे मजबूती से जोड़ें।
शरीर को मजबूत करने का अभ्यास करें।
दिल को दृढ़ बनाओ।
यह करो, और हवा हमारी दोस्त बनेगी।
हवा कमजोर आग को बुझा देती है।
वह मजबूत आग को गरजने और फलने-फूलने देती है।
उसकी मित्रता अच्छी है।
हम हर दिन उसकी प्रशंसा करते हैं।”

व्याख्या:
कवि हवा की अप्रत्याशित प्रकृति को स्वीकार करता है। किसी को भी हवा को नियंत्रित नहीं कर सकता। इसके बजाय, वह सहनशीलता को मजबूत करने का सुझाव देता है — मजबूत घर बनाना और मजबूत दिल और शरीर विकसित करना। हवा को मजबूत लोगों का मित्र माना गया है, जो कि पोषण और समर्थन कर सकती है। यह चरण सशक्तिकरण का संदेश देता है, यह प्रेरित करता है कि व्यक्ति को चुनौतियों को बढ़ने के अवसरों के रूप में अपनाना चाहिए।

शब्दार्थ:

शब्दअर्थ
बनानानिर्माण करना; तैयारी और सहनशीलता का प्रतीक।
जोड़नाकनेक्ट करना या कसना; सुरक्षा का प्रतीक।
अभ्यासबार-बार प्रदर्शन करना; मजबूत करने का प्रयास।
दृढ़मजबूत और स्थिर; संकल्प का प्रतीक।
गरजनातेज आवाज करना; शक्ति और ऊर्जा का प्रतीक।

निष्कर्ष

भारती की कविता यह सिखाती है कि जीवन की चुनौतियों को खतरे के रूप में देखने के बजाय, हमें उनके सामना करने के लिए तैयार रहना चाहिए। हवा, जो विनाशकारी और पोषणकारी दोनों है, जीवन के परीक्षणों का प्रतीक है जो हमारी सहनशीलता की परीक्षा लेते हैं। अपनी आंतरिक और बाहरी शक्ति को बढ़ाकर, हम विपत्तियों को सहयोगियों में बदल सकते हैं, अंततः इन अनुभवों के माध्यम से अपने विकास का जश्न मना सकते हैं।

व्याख्या:
इस अंतिम स्तम्भ में, वक्ता सोचता है कि वह भविष्य में इस निर्णय को कैसे याद करेगा। “साँस” विभिन्न भावनाओं का सुझाव दे सकता है—पछतावा, स्मृति, या संतोष। वह उस क्षण को याद करेगा जब दो रास्ते अलग हुए थे, और उसने कम चलाए गए रास्ते को चुना। वक्ता यह जोर देता है कि इस चुनाव ने उसके जीवन में “सभी फर्क” डाला है, लेकिन यह अस्पष्ट रहता है कि यह फर्क सकारात्मक था या नकारात्मक।

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