CBSE कक्षा 9वीं अर्थशास्त्र NCERT प्रश्न और उत्तर अध्याय 1: गाँव पलमपुर की कहानी


प्रश्न 1: भारत के प्रत्येक गाँव का सर्वेक्षण हर दस वर्षों में जनगणना के दौरान किया जाता है और कुछ जानकारी निम्नलिखित प्रारूप में प्रस्तुत की जाती है। पलमपुर के बारे में जानकारी के आधार पर इसे भरें।

a). स्थान (LOCATION):

उत्तर:
स्थान: बुलंदशहर जिले, पश्चिमी उत्तर प्रदेश

b). गाँव का कुल क्षेत्रफल (TOTAL AREA OF THE VILLAGE):

उत्तर:
गाँव का कुल क्षेत्रफल: 226 हेक्टेयर

c). भूमि उपयोग (LAND USE) (हेक्टेयर में):

भूमि उपयोगसिंचित भूमिअसिंचित भूमिभूमि जो खेती के लिए उपलब्ध नहीं है (गृह, सड़क, तालाब, चरागाह इत्यादि)
200 हेक्टेयर26 हेक्टेयर

d). सुविधाएं (FACILITIES):

सुविधाविवरण
शैक्षिक (Educational)2 प्राथमिक स्कूल और 1 उच्च विद्यालय
स्वास्थ्य (Medical)1 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र और 1 निजी डिस्पेंसरी
बाजार (Market)रायगंज और शाहपुर
बिजली आपूर्ति (Electricity Supply)अधिकांश घरों में बिजली कनेक्शन हैं। खेतों में सभी ट्यूबवेल बिजली से चलते हैं और विभिन्न प्रकार के छोटे व्यापारों में भी बिजली का उपयोग होता है।
संचार (Communication)पड़ोसी गाँवों और कस्बों से अच्छी तरह जुड़ा हुआ। रायगंज से 3 किमी दूर। रायगंज और शाहपुर को जोड़ने वाली मौसम-निर्भर सड़क। बैल गाड़ियों, तोंगा, बोगी, मोटरसाइकिल, जीप, ट्रैक्टर और ट्रकों जैसे कई प्रकार के परिवहन हैं।
निकटतम शहर (Nearest Town)शाहपुर

प्रश्न 2: क्या आप सहमत हैं कि आधुनिक कृषि पद्धतियाँ अधिक इनपुट्स की मांग करती हैं जो उद्योगों में निर्मित होते हैं?

उत्तर:
आधुनिक कृषि उच्च-उत्पादक बीज, रसायन, यांत्रिक उपकरण जैसे ट्रैक्टर, और सिंचाई प्रणालियों पर निर्भर करती है। ये सभी उद्योगों में निर्मित होते हैं। पारंपरिक तरीकों की तुलना में, आधुनिक कृषि अधिक औद्योगिक संसाधनों का उपयोग करती है।


प्रश्न 3: बिजली के प्रसार ने पलमपुर के किसानों की मदद कैसे की?

उत्तर:
पलमपुर गाँव के किसानों को बिजली के प्रसार से निम्नलिखित लाभ हुए हैं:

  • अधिकांश घरों में बिजली कनेक्शन हैं।
  • खेतों में ट्यूबवेल चलाने के लिए बिजली का उपयोग किया जाता है।
  • विभिन्न प्रकार के छोटे व्यवसायों में भी बिजली का उपयोग किया जाता है।

प्रश्न 4: क्या सिंचाई क्षेत्र को बढ़ाना महत्वपूर्ण है? क्यों?

उत्तर:
भारत एक कृषि प्रधान देश है और अधिकांश लोग अपनी आजीविका के लिए कृषि पर निर्भर हैं। हालांकि, 40% से कम कृषि भूमि सिंचित है। वर्षा पर निर्भर क्षेत्रों में खेती असमान वर्षा पर निर्भर करती है। खाद्य आत्मनिर्भरता प्राप्त करने के लिए सिंचाई क्षेत्र का विस्तार करना बहुत आवश्यक है।


प्रश्न 5: पलमपुर के 450 परिवारों के बीच भूमि वितरण पर एक तालिका बनाएं।

कुल परिवारों की संख्या (Number of Families)भूमि (हेक्टेयर) (Land in Hectares)
1500
2402 हेक्टेयर से कम (Less than 2)
602 हेक्टेयर से अधिक (More than 2)

प्रश्न 6: पलमपुर में खेतिहर श्रमिकों को न्यूनतम मजदूरी से कम वेतन क्यों मिलता है?

उत्तर:
पलमपुर गाँव में खेतिहर श्रमिकों को सरकार द्वारा निर्धारित न्यूनतम मजदूरी से कम वेतन मिलता है। खेतिहर श्रमिकों के लिए न्यूनतम मजदूरी ₹115 प्रति दिन तय की गई है, लेकिन वे ₹70 – ₹80 ही कमाते हैं। यह इसलिए होता है क्योंकि पलमपुर गाँव में खेतिहर श्रमिकों के बीच काम के लिए भारी प्रतिस्पर्धा है।


प्रश्न 7: अपने क्षेत्र में दो श्रमिकों से बात करें। खेतिहर श्रमिकों या निर्माण स्थलों पर काम करने वाले श्रमिकों में से चुनें। वे कितनी मजदूरी प्राप्त करते हैं? क्या उन्हें नगद या वस्तु में भुगतान किया जाता है? क्या उन्हें नियमित रूप से काम मिलता है? क्या वे कर्ज में हैं?

उत्तर:
मजदूरी (Wages):
नई दिल्ली में असुक्ष्म श्रमिकों को सामान्यतः ₹17,234 से ₹17,4941 तक की मासिक मजदूरी मिलती है।
सेमी-स्किल्ड श्रमिकों को ₹18,993 से ₹19,2791 तक की मजदूरी मिलती है।
कुशल श्रमिकों को ₹20,903 से ₹21,2151 तक की न्यूनतम मजदूरी मिलती है।

भुगतान विधि (Payment Method):
यह मजदूरी आमतौर पर नगद में भुगतान की जाती है।

काम की नियमितता (Work Regularity):
असुक्ष्म, सेमी-स्किल्ड और कुशल श्रमिकों को निर्माण और कृषि क्षेत्रों में नियमित रूप से काम मिल जाता है।

ऋण की स्थिति (Debt Situation):
कुछ श्रमिक वित्तीय चुनौतियों का सामना करते हैं, जैसे कि कर्ज, लेकिन यह हर व्यक्ति पर निर्भर करता है।


प्रश्न 8: एक ही भूमि पर उत्पादन बढ़ाने के विभिन्न तरीके क्या हैं? उदाहरण का उपयोग करके समझाएं।

उत्तर:
एक ही भूमि पर एक वर्ष में एक से अधिक फसलें उगाना बहु-फसल प्रणाली (Multiple Cropping) कहलाती है। यह एक सामान्य तरीका है जिससे एक निश्चित भूमि पर उत्पादन बढ़ाया जा सकता है। पलमपुर के सभी किसान कम से कम दो मुख्य फसलें उगाते हैं; कई किसान पिछले 15-20 वर्षों में तीसरी फसल के रूप में आलू भी उगाते हैं।


प्रश्न 9: 1 हेक्टेयर भूमि वाले किसान का काम कैसे होता है?

उत्तर:
1 हेक्टेयर भूमि वाला किसान एक छोटे किसान के रूप में जाना जाता है। अधिकांश काम किसान और उसके परिवार के सदस्य करते हैं। वे हल चलाने के लिए बैल का उपयोग करते हैं और बीज बोने में मदद करते हैं। फसल की कटाई के दौरान अतिरिक्त श्रमिकों को काम पर रखा जा सकता है।


प्रश्न 10: मंझले और बड़े किसान खेती के लिए पूंजी कैसे प्राप्त करते हैं? यह छोटे किसानों से कैसे भिन्न है?

उत्तर:
मंझले और बड़े किसान आमतौर पर अपने कृषि उत्पादों को बेचकर अधिक पैसे कमा लेते हैं। चूँकि उनके पास भूमि और घर होते हैं, वे आसानी से बैंक से ऋण प्राप्त कर सकते हैं। छोटे किसान, दूसरी ओर, बैंक से ऋण प्राप्त करने में सक्षम नहीं होते। उन्हें स्थानीय व्यापारी और साहूकारों से ऋण लेना पड़ता है।


प्रश्न 11: सविता ने तेजपाल सिंह से ऋण किस शर्त पर लिया? अगर सविता को बैंक से कम ब्याज दर पर ऋण मिल जाता, तो क्या उसकी स्थिति अलग होती?

उत्तर:
सविता को खेती के लिए ₹3000 का ऋण तेजपाल सिंह से उच्च ब्याज दर पर मिला था। इस ऋण को चुकाने के लिए उसने तेजपाल सिंह के खेतों पर काम किया। अगर उसे बैंक से ऋण मिलता, तो उसकी स्थिति बेहतर होती—कम ब्याज दर और अपनी खेती पर अधिक समय मिल पाता।


प्रश्न 12: अपने क्षेत्र के कुछ पुराने निवासियों से बात करें और पिछले 30 वर्षों में सिंचाई और उत्पादन पद्धतियों में हुए परिवर्तनों पर एक संक्षिप्त रिपोर्ट लिखें। (वैकल्पिक)

उत्तर:
परंपरागत तरीके (1990 से पहले):

  • बीज: किसान कम-उत्पादक पारंपरिक बीजों का उपयोग करते थे, जिससे सिंचाई की कम आवश्यकता थी।
  • उर्वरक: गाय का गोबर और प्राकृतिक खाद आम थे।
  • निवेश: कृषि में न्यूनतम निवेश।

हरित क्रांति (1960 के दशक के अंत से):

  • उच्च-उत्पादक बीज: गेहूँ और चावल की उच्च-उत्पादक किस्में (HYVs) पेश की गईं।
  • पानी की आवश्यकता: इन बीजों को अधिक पानी और रासायनिक उर्वरकों की आवश्यकता थी।
  • सिंचाई: किसानों ने गहरे ट्यूबवेल अपनाए।
  • यांत्रिकीकरण: खेती में तेजी लाने के लिए ट्रैक्टर और थ्रेशर का उपयोग किया गया।

प्रश्न 13: आपके क्षेत्र में कौन-कौन सी गैर-कृषि उत्पादन गतिविधियाँ हो रही हैं? एक संक्षिप्त सूची बनाएं।

उत्तर:

  • डेयरी पालन: गायों और भैंसों से दूध उत्पादन।
  • हस्तशिल्प: कुशल कारीगर सुंदर शिल्प बनाते हैं।
  • छोटे पैमाने पर निर्माण: छोटे स्तर पर उत्पादों का निर्माण।
  • निर्माण: घरों और बुनियादी ढाँचे का निर्माण।
  • खनन और खनन उद्योग: खनिजों का निष्कर्षण।
  • परिवहन: माल और लोगों का परिवहन।
  • सामुदायिक सेवाएं: समुदाय के लिए आवश्यक सेवाएं।

प्रश्न 14: क्या किया जा सकता है ताकि गाँवों में और अधिक गैर-कृषि उत्पादन गतिविधियाँ शुरू हो सकें?

उत्तर:
गाँववासियों को गैर-कृषि उत्पादन गतिविधियों और उनके लाभ के बारे में जागरूक किया जाना चाहिए। उन्हें इन गतिविधियों को करने के तरीकों के बारे में भी सिखाया जाना चाहिए। उन गाँववासियों को उचित मार्गदर्शन और सहायता दी जानी चाहिए जो यह मानते हैं कि वे केवल खेती करके ही कमा सकते हैं।

Why CBSEJanta.com for Class 9 Social Science?

  • Detailed Chapter Solutions: Get comprehensive solutions for every chapter in History, Geography, Civics, and Economics.
  • Important Concepts and Key Points: Concise notes on crucial concepts to aid in understanding and revision.
  • Extra Practice Questions: Practice your learning with extra questions and answers based on the latest syllabus.
  • Interactive Learning: Audio-visual explanations for better grasp of challenging topics.

Download the CBSEJanta App Now!

Download the CBSEJanta App Now!

With CBSEJanta.com, understanding Social Science has never been easier! 📚✨ Get FREE chapter-wise solutions, summaries, key concepts, and practice exercises to boost your exam preparation.
Visit CBSEJanta.com or download the CBSEJanta app today for a smarter, easier learning experience.


This structured post gives a subject-wise breakdown for Class 9 Social Science, making it easy for students to understand the chapters while encouraging them to use CBSEJanta.com for comprehensive learning and exam preparation.

Comments

No comments yet. Why don’t you start the discussion?

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *