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CBSE Class 6 hindi Chapter 13 मैं सबसे छोटी होऊँ

“मैं सबसे छोटी होऊँ”- सारांश

महादेवी वर्मा की इस कविता में एक बच्ची की मासूमियत, उसके बचपन के अनुभव, और माँ के प्रति उसके अनन्य प्रेम का सुंदर चित्रण किया गया है। यह कविता न केवल व्यक्तिगत भावनाओं को व्यक्त करती है, बल्कि माँ-बेटी के रिश्ते की गहराई और विशेषता को भी उजागर करती है।

कविता का सार

महादेवी वर्मा की यह कविता बचपन की मासूमियत और माँ-बेटी के रिश्ते की गहराई को अत्यंत खूबसूरती से व्यक्त करती है। बच्ची की इच्छा कि वह हमेशा छोटी बनी रहे, यह उसके माँ के प्रति गहरे प्रेम और सुरक्षा की भावना को दर्शाती है।

इस कविता से हमें यह सीख मिलती है कि माँ का प्यार सबसे अनमोल होता है और यह हमारे जीवन का महत्वपूर्ण हिस्सा है। बचपन की यादें, विशेषकर माँ के साथ बिताए गए क्षण, जीवन भर हमें ऊर्जा और खुशियों का स्रोत देते हैं। यह कविता एक सुंदर संदेश देती है कि हमें अपनी मातृभूमि और अपने प्रियजनों के प्यार को कभी नहीं भूलना चाहिए।

कविता का मुख्य विषय:

  1. बच्ची कविता में माँ से कहती है कि वह हमेशा सबसे छोटी बनी रहना चाहती है। इसका मुख्य कारण यह है कि जब वह छोटी होगी, तब माँ उसे अधिक लाड़-प्यार करेंगी।
  2. वह यह चाहती है कि माँ उसे गोद में ले लें, ताकि वह सुरक्षा और प्यार महसूस कर सके। यह उसके लिए एक सुरक्षित स्थान की तरह है, जहाँ वह बिना किसी चिंता के रह सकती है।
  1. बच्ची अपनी माँ से यह भी शिकायत करती है कि जब वह बड़ी हो जाती है, तो माँ का प्यार कम हो जाता है। वह बताती है कि पहले माँ उसकी देखभाल करती थीं—उसे खिलाती थीं, मुँह धुलाती थीं, और उसके साथ खेलती थीं।
  2. जैसे-जैसे बच्ची बड़ी होती है, वह देखती है कि ये प्यार भरे पल धीरे-धीरे कम होते जा रहे हैं। उसे याद है कि कैसे माँ उसे पहले अपने हाथों से सुंदर बनाती थीं और उसे परियों की कहानियाँ सुनाती थीं।
  1. बच्ची सोचती है कि बड़े होने का कोई लाभ नहीं है अगर इसका मतलब माँ के प्यार को खोना है। उसके लिए माँ का प्यार सबसे महत्वपूर्ण है।
  2. बच्ची की यह भावना बहुत गहरी है; वह अपनी मासूमियत को बनाए रखना चाहती है ताकि वह माँ के प्यार से कभी भी वंचित न हो।
  1. बच्ची यह चाहती है कि वह माँ के आँचल की छाया में रहे, जहाँ वह निस्पृह (बिना इच्छाओं के) और निर्भीक (बिना डर के) रह सके।
  2. चाँद का उदय देखना उसकी एक साधारण लेकिन खूबसूरत इच्छा है। यह उसके सरल और निडर दृष्टिकोण को दर्शाता है, जहाँ वह जीवन की छोटी-छोटी खुशियों को महसूस करना चाहती है।
  1. कविता के अंत में बच्ची की यह स्पष्ट इच्छा है कि वह कभी भी माँ से दूर नहीं होना चाहती। यह दर्शाता है कि माँ के साथ रहने का अहसास और सुरक्षा उसकी जीवन की सबसे बड़ी प्राथमिकता है।
  2. इस भावनात्मक जुड़ाव से यह स्पष्ट होता है कि बचपन की यादें और माँ का प्यार हमेशा बच्चे के जीवन में महत्वपूर्ण स्थान रखते हैं।

कठिन शब्दों के अर्थ:

निष्कर्ष

महादेवी वर्मा की कविता “मैं सबसे छोटी होऊँ” बचपन की मासूमियत, माँ के प्यार और सुरक्षा की गहराई को उजागर करती है। बच्ची की यह इच्छा कि वह हमेशा छोटी बनी रहे, यह दर्शाती है कि माँ का लाड़-प्यार और देखभाल उसके लिए कितनी महत्वपूर्ण हैं।

कविता हमें यह सिखाती है कि बचपन के अनुभव और माँ का प्रेम जीवन के सबसे अनमोल खजाने हैं। यह प्यार न केवल एक भावना है, बल्कि यह सुरक्षा, आत्मविश्वास और जीवन की खुशियों का स्रोत भी है।

महादेवी वर्मा ने इस कविता के माध्यम से हमें याद दिलाया है कि हमें अपनी मातृभूमि, अपने प्रियजनों और विशेषकर माँ के साथ बिताए गए क्षणों की अहमियत को समझना चाहिए। ये क्षण हमें हमेशा ऊर्जा और प्रेरणा देते हैं, और हमें अपनी जड़ों से जुड़े रहने की प्रेरणा देते हैं।

इस प्रकार, यह कविता न केवल एक व्यक्तिगत भावना को व्यक्त करती है, बल्कि यह हमारे जीवन के महत्वपूर्ण रिश्तों और यादों को संजोने की प्रेरणा भी देती है।

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