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CBSE Class 6 hindi Chapter 16 साँस साँस में बाँस

साँस-साँस में बाँस -सारांश

यह निबंध एलेक्स एम. जॉर्ज द्वारा लिखा गया है और इसमें बाँस के उपयोग, इसके महत्व और निर्माण की प्रक्रिया पर गहराई से चर्चा की गई है। बाँस, विशेष रूप से भारत के उत्तर-पूर्वी क्षेत्र में, विभिन्न समुदायों की संस्कृति, जीवनशैली और आर्थिक गतिविधियों का एक अभिन्न हिस्सा है।

बाँस का महत्व

संसाधन का स्रोत:

विविधता में उपयोग:

असम में बाँस का विशेष उपयोग

असम में, बाँस का विशेष महत्व है, खासकर मछली पकड़ने के लिए। यहाँ बाँस से बने जाल (जकाई) का प्रयोग किया जाता है, जो शंकु (खूँटी) आकार में बनाए जाते हैं। यह क्षेत्रीय परंपराओं का एक हिस्सा है, और इसका उपयोग मछलियों को पकड़ने के लिए विशेष रूप से किया जाता है।

मौसम और काम

जलवायु का प्रभाव:

उम्र के अनुसार चयन:

निर्माण प्रक्रिया

बाँस को तैयार करना:

चिकनाई और रंगाई:

बुनाई की कला:

निष्कर्ष

यह निबंध केवल बाँस के उपयोग और उसकी निर्माण प्रक्रिया का विवरण नहीं देता, बल्कि यह भी दर्शाता है कि बाँस कैसे स्थानीय संस्कृति, कला, और जीवनशैली का हिस्सा है। बाँस का महत्व केवल उसकी भौतिक उपयोगिता तक सीमित नहीं है, बल्कि यह समाज के सामाजिक और आर्थिक ताने-बाने में भी गहराई से जुड़ा हुआ है।

कठिन शब्दों के अर्थ

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