CBSE Class 8 English (Honeydew Book) Poem 8 On the Grasshopper and the Cricket

On the Grasshopper and the Cricket – Summary

Introduction

The poem “On the Grasshopper and Cricket” celebrates the continuity of nature’s poetry throughout the seasons. The grasshopper and the cricket symbolize the vibrant and persistent spirit of the earth, each playing their part in the seasonal cycle.

Summary

The poem “On the Grasshopper and Cricket” shows that nature’s poetry never stops.

  • In Summer: When birds are tired and hiding in trees from the heat, the grasshopper sings joyfully. You can hear it as it moves around the park, enjoying the warm weather. When it gets tired, it rests under some weeds.
  • In Winter: The cricket takes over when it gets cold. Even when everything is quiet and covered in frost, you can hear the cricket’s song. Its singing brings warmth and life to the chilly night. Sometimes, if you’re half-asleep, it might even sound like the grasshopper’s song from the summer.

Overall, the poem tells us that no matter the season, there is always music in nature, reminding us of life’s beauty.


Stanza 1

The poetry of earth is never dead:
When all the birds are faint with the hot sun,
And hide in cooling trees, a voice will run
From hedge to hedge about the new-mown mead,
That is the grasshopper’s — he takes the lead
In summer luxury — he has never done?
With his delights, for when tired out with fun
He rests at ease beneath some pleasant weed.

Key Words and Meanings

  • Faint: Weak, dizzy, or close to losing consciousness due to heat.
  • Hedge: A fence or boundary formed by closely growing bushes.
  • Mown: Cut down, particularly in reference to grass or crops.
  • Mead: A meadow, an area of land covered in grass.

Explanation

Keats begins by asserting that the “poetry of earth” is eternal, never ceasing. In the summer, when birds are worn out from the heat and take refuge in the shade, the grasshopper emerges as the voice of the season. Its joyful song resonates from one boundary of the meadow to another, symbolizing life and vibrancy. The grasshopper revels in the summer’s luxury, and when it tires from its frolicking, it finds comfort resting beneath the weeds. This stanza captures the essence of summer’s joy and the grasshopper’s role as a joyful narrator of nature’s poetry.


Stanza 2

The poetry of earth is ceasing never:
On a lone winter evening when the frost
Has wrought a silence, from the stone there shrills
The cricket’s song, in warmth increasing ever,
And seems to one in drowsiness half lost;
The grasshopper’s among some grassy hills.

Key Words and Meanings

  • Ceasing: Coming to an end; stopping.
  • Lone: Desolate; lonely or isolated.
  • Wrought: Brought about or caused; often used poetically.
  • Shrills: A sharp, loud sound that cuts through silence.
  • Drowsiness: A state of sleepiness or lethargy.

Explanation

In this stanza, Keats emphasizes that the poetry of the earth is unending, even in winter. On a cold, lonely evening, when frost covers everything in silence, the cricket’s song breaks through the stillness. The cricket’s melody adds warmth to the cold night and continues to rise in intensity. For someone who is half-asleep, this song may evoke the vibrant sounds of the grasshopper in the summer, creating a bridge between the two seasons. The cricket’s persistent song in winter reinforces the theme of nature’s poetry, showing that life continues, regardless of the season.


Conclusion

Through “On the Grasshopper and Cricket,” Keats eloquently conveys the idea that nature’s poetry is ever-present, brought to life by different creatures in different seasons. The grasshopper represents the liveliness of summer, while the cricket embodies the warmth and continuity of winter. This poem serves as a celebration of life, creativity, and the persistent beauty of nature.

ग्रासहॉपर और क्रिकेट पर” – सारांश

परिचय
कविता “ग्रासहॉपर और क्रिकेट पर” प्रकृति की कविता के विभिन्न मौसमों में निरंतरता का जश्न मनाती है। ग्रासहॉपर और क्रिकेट पृथ्वी की जीवंतता और स्थायी आत्मा के प्रतीक हैं, जो मौसम के चक्र में अपनी-अपनी भूमिका निभाते हैं।

कविता का सारांश

“ग्रासहॉपर और क्रिकेट पर” कविता यह दिखाती है कि प्रकृति की कविता कभी रुकती नहीं है।

गर्मी में: जब पक्षी गर्मी से थककर पेड़ों में छिप जाते हैं, तो ग्रासहॉपर खुशी से गाता है। इसे पार्क में घूमते हुए सुना जा सकता है, गर्म मौसम का आनंद लेते हुए। जब वह थक जाता है, तो कुछ घास के नीचे आराम करता है।

सर्दी में: जब ठंड होती है, तो क्रिकेट अपनी जगह ले लेता है। भले ही सब कुछ चुप हो और बर्फ से ढका हो, आप क्रिकेट के गीत को सुन सकते हैं। उसकी गाना ठंडी रात में गर्मी और जीवन लाता है। कभी-कभी, अगर आप आधे सोए हुए हैं, तो यह गर्मियों के ग्रासहॉपर के गीत की तरह भी लग सकता है।

कुल मिलाकर, कविता हमें बताती है कि चाहे कोई भी मौसम हो, प्रकृति में हमेशा संगीत होता है, जो जीवन की सुंदरता की याद दिलाता है।


स्तंभ 1
कविता:
पृथ्वी की कविता कभी मरी नहीं है:
जब सभी पक्षी गर्मी के कारण थक जाते हैं,
और ठंडी छाया में छिपते हैं, एक आवाज़ चलती है
खिड़की से खिड़की तक नई-नई घास पर,
वह ग्रासहॉपर की है – वह इस गर्मी में प्रमुख है
उसकी खुशियों में – वह कभी खत्म नहीं होता?
जब वह मस्ती से थक जाता है,
वह कुछ सुखद घास के नीचे आराम करता है।

मुख्य शब्द और अर्थ:

  • थका: कमजोर, चक्कर में या गर्मी के कारण बेहोशी के करीब।
  • खिड़की: घास से बनी बाउंड्री।
  • कटी: कट गई, खासकर घास या फसलों के संदर्भ में।
  • घास: एक घास का क्षेत्र।

व्याख्या:
कीट्स शुरुआत में कहते हैं कि “पृथ्वी की कविता” शाश्वत है, कभी खत्म नहीं होती। गर्मियों में, जब पक्षी गर्मी से थककर छाया में चले जाते हैं, ग्रासहॉपर इस मौसम की आवाज़ के रूप में उभरता है। उसकी खुशी भरी गाना घास के एक सिरे से दूसरे सिरे तक गूंजता है, जीवन और ऊर्जा का प्रतीक है। ग्रासहॉपर गर्मियों की सुख-सुविधाओं में आनंदित होता है, और जब वह खेलने में थक जाता है, तो वह घास के नीचे आराम करता है। यह स्तंभ गर्मियों की खुशी और ग्रासहॉपर की प्रकृति की कविता के रूप में उसकी भूमिका को पकड़ता है।


स्तंभ 2
कविता:
पृथ्वी की कविता कभी खत्म नहीं होती:
एक अकेले सर्दी की शाम जब बर्फ
चुप्पी में ढक जाती है, पत्थर से चिल्लाता है
क्रिकेट का गीत, जो हमेशा बढ़ता है,
और जो किसी के लिए आधे सोए हुए है;
यह कुछ घास के पहाड़ों में ग्रासहॉपर का है।

मुख्य शब्द और अर्थ:

  • खत्म होना: समाप्त होना; रुकना।
  • अकेला: सुनसान; अकेला या अलग।
  • लाया: लाना या कारण बनाना; अक्सर काव्यात्मक रूप से उपयोग किया जाता है।
  • चिल्लाना: एक तेज, जोरदार आवाज़ जो चुप्पी को काटती है।
  • नींद: नींद की या सुस्ती की स्थिति।

व्याख्या:
इस स्तंभ में, कीट्स यह बताते हैं कि पृथ्वी की कविता सर्दियों में भी खत्म नहीं होती। एक ठंडी, अकेली शाम पर, जब बर्फ सब कुछ चुप कर देती है, क्रिकेट का गीत इस नीरवता को तोड़ता है। क्रिकेट की धुन ठंडी रात में गर्मी लाती है और हमेशा बढ़ती रहती है। जो कोई आधे सोए हुए है, उसके लिए यह गीत गर्मियों में ग्रासहॉपर की जीवंत आवाजों की याद दिला सकता है, जो दोनों मौसमों के बीच एक पुल का निर्माण करता है। सर्दियों में क्रिकेट का निरंतर गीत प्रकृति की कविता के विषय को सुदृढ़ करता है, यह दिखाते हुए कि जीवन मौसम के बावजूद जारी रहता है।


निष्कर्ष
“ग्रासहॉपर और क्रिकेट पर” के माध्यम से, कीट्स स्पष्ट रूप से यह विचार व्यक्त करते हैं कि प्रकृति की कविता हमेशा मौजूद रहती है, जो विभिन्न जीवों द्वारा विभिन्न मौसमों में जीवित होती है। ग्रासहॉपर गर्मियों की जीवंतता का प्रतीक है, जबकि क्रिकेट सर्दियों की गर्माहट और निरंतरता को दर्शाता है। यह कविता जीवन, रचनात्मकता और प्रकृति की स्थायी सुंदरता का जश्न मनाने के रूप में कार्य करती है।

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