Extra Questions
अति लघु उत्तरीय प्रश्न: (1 अंक)
लेखिका अपने दोस्तों की परीक्षा क्यों लेती हैं?
उत्तर: लेखिका अपने दोस्तों की परीक्षा इसलिए लेती हैं क्योंकि वह देखना चाहती हैं कि उसके दोस्त दुनिया को कैसे देखते हैं।
कालीन से ज्यादा लेखिका को क्या पसंद है?
उत्तर: कालीन से ज्यादा लेखिका को हरे घास से भरा हुआ मैदान पसंद है।
जीवन को किन रंगों से हरा – भरा किया जा सकता है?
उत्तर: जीवन को पर्यावरण, जिसमें इंद्रधनुष के सात रंग हैं, उस से जीवन के रंगों को हरा-भरा किया जा सकता है।
अपनी उंगलियों के बीच लेखिका क्या महसूस करती हैं?
उत्तर: लेखिका अपनी उंगलियों के बीच में झरनों के पानी को महसूस करती हैं।
जंगल की सैर पर कौन गया था?
उत्तर: लेखिका की मित्र जंगल की सैर पर गयी थी।
लघु उत्तरीय प्रश्न: (2 अंक)
लेखिका अपने दोस्तों के बारे में क्या कहती हैं?
उत्तर: लेखिका अपने दोस्तों के बारे में कहती हैं कि उनके पास आँखें होते हुए भी वे सब कुछ देखने से चूक जाते हैं और वे प्रकृति की उन बारीकियों को नहीं देख पाते जो लेखिका नेत्रहीन होकर भी देख लेती हैं।
जंगल के किन चीजों के बारे में लेखिका ने लिखा है?
उत्तर: लेखिका ने जंगल में बहने वाले झरने, चीड़ की खुरदरी छाल और घास के मैदानों के बारे में लिखा है।
लेखिका को किस से प्रेम है?
उत्तर: लेखिका को प्रकृति से प्रेम है। वह प्रकृति की उन बारिकियों को महसूस कर सकती हैं जो अन्य लोग नहीं कर पाते हैं।
जीवन रंगों से लेखिका का क्या मतलब है?
उत्तर: जीवन रंगों से लेखिका का मतलब जीवन में आने वाले सुख-दुःख, मुश्किल और उतार-चढ़ाव से है। लेखिका ने इस बात पर बल दिया है कि जीवन के इन अनुभवों से जीवन को सुंदर बनाया जा सकता है।
झरनों के बारे में लेखिका क्या कहती हैं?
उत्तर: लेखिका को झरनों का पानी अपनी उंगलियों के बीच बहते हुए महसूस करना बहुत पसंद था। यह उनके लिए आनंद का स्रोत था और यह उन्हें खुश और प्रफुल्लित करता था।
लघु उत्तरीय प्रश्न: (3 अंक)
लेखिका का दिल किन चीजों के लिए मचल उठता है?
उत्तर: लेखिका का दिल बहते हुए पानी के झरने, चिड़ियों की मधुर आवाज़, और हरे-भरे घास के मैदानों को देखने के लिए मचल उठता है। वे कहती हैं कि यदि वे इन्हें देख पाती, तो मंत्रमुग्ध हो जातीं।
दृष्टि के नियामत होने पर टिपण्णी करें।
उत्तर: जो लोग आँखों से होते हुए भी प्रकृति की बारीकियों को नहीं देख पाते और दृष्टि के आशीर्वाद को साधारण समझते हैं, उन्हें यह नहीं पता कि दृष्टि से जीवन को रंगीन और खुशहाल बनाया जा सकता है। यह एक दिव्य उपहार है जिसे हमें समझकर इस्तेमाल करना चाहिए।
लेखिका किन-किन चीज़ों को स्पर्श से जान लेती हैं?
उत्तर: लेखिका भोजपत्र के पेड़ की चिकनी छाल, चीड़ की खुरदरी छाल, और बसंत के मौसम में पेड़ों की धुमावदार पत्तियों को छूकर जान लेती हैं। वे इन चीजों को छूकर खुश हो जाती हैं और महसूस करती हैं।
परखने की कला के बारे में लेखिका का विचार हैं?
उत्तर: लेखिका को लगता है कि बहुत से लोग अपनी आँखों से भी वह नहीं देख पाते जो वे बिना आँखों के देख सकती हैं। जब लोग यात्रा करते हैं, तो वे अपनी क्षमताओं का सही उपयोग नहीं कर पाते हैं और सब कुछ नहीं देख पाते।
लेखिका को आश्चर्य क्यों हो रहा है?
उत्तर: लेखिका को अपने मित्र पर आश्चर्य होता है क्योंकि वे आंखों से भी वह नहीं देख पाते जो लेखिका बिना आंखों के देख लेती हैं। जब उनके मित्र कहते हैं कि उन्हें जंगल में कुछ नहीं दिखाई दिया, तो लेखिका को यह देखकर आश्चर्य होता है कि लोग अपनी शक्तियों और क्षमताओं का सही उपयोग नहीं करते।
दीर्घ उत्तरीय प्रश्न: (5 अंक)
लेखिका का संक्षिप्त जीवन – परिचय लिखिए।
उत्तर: हेलेन केलर (27 जून 1880 – 1 जून 1968) एक अमेरिकी लेखक और सामाजिक कार्यकर्ता थीं। वे पहली बधिर और दृष्टिहीन महिला थीं जिन्होंने कला स्नातक की डिग्री प्राप्त की। उनकी शिक्षा ऐनी सुलिवान के मार्गदर्शन में हुई, जिन्होंने उन्हें छह साल की उम्र में पढ़ाना शुरू किया। केलर ने अपनी कड़ी मेहनत और दृढ़ निश्चय से दुनिया में अपने विचारों को प्रभावी तरीके से प्रस्तुत किया। वे युद्ध विरोधी और समाज के लिए न्यायपूर्ण आवाज के रूप में जानी जाती हैं।
इस कहानी से आपको क्या सीख मिलती है?
उत्तर: इस कहानी से यह सीख मिलती है कि हमें अपनी क्षमता का सही उपयोग करना चाहिए और जो कुछ भी हमें मिला है, उसका सम्मान करना चाहिए। हमें अपनी क्षमताओं के लिए ईश्वर का आभार व्यक्त करना चाहिए और अपनी सीमाओं को पहचानकर उनका बेहतर उपयोग करना चाहिए।
‘आँखों वाले नहीं देख पाते’ लेखिका का आशय व्यक्त करिये।
उत्तर: लेखिका का आशय यह है कि जो लोग आंखों से देख सकते हैं, वे अक्सर अपनी दृष्टि का सही उपयोग नहीं करते। वे प्रकृति की बारीकियों को नहीं देख पाते, जो एक नेत्रहीन व्यक्ति भी महसूस कर सकता है। यह हमारी क्षमता का सही उपयोग करने का संदेश है।
पर्यावरण को लेकर लेखिका के विचार कैसे हैं?
उत्तर: लेखिका प्रकृति की गहरी प्रेमी थीं। उन्हें पेड़-पौधे, पहाड़ों से गिरते झरने, और बसंत के मौसम में खिलते फूलों से अत्यधिक प्रेम था। उनका जीवन प्रकृति से जुड़ा हुआ था और वे हमेशा पर्यावरण की सुंदरता का सम्मान करती थीं, चाहे वह आंखों से न देख पाती हों।
प्रकृति की बारीकियों को लेखिका कैसे महसूस करती हैं? और क्या कहती है?
उत्तर: लेखिका प्रकृति की बारीकियों को अपने स्पर्श से महसूस करती थीं। वे भोज-पत्र की चिकनी छाल, चीड़ की खुरदरी छाल, और बसंत के मौसम में पेड़ों की पत्तियों को छूकर महसूस करतीं। लेखिका कहती हैं कि जो कुछ भी हमें ईश्वर ने दिया है, उसे हमें सही कार्यों के लिए उपयोग करना चाहिए।
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