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Extra Questions class 6 Hindi Vasant Chapter 8 ऐसे ऐसे

Extra Questions

अति लघु उत्तरीय प्रश्न :  (1अंक)

1. मोहन के पड़ोसी का नाम क्या था?

उत्तर: मोहन के पड़ोसी का नाम दीनानाथ था।

2. मोहन की उम्र क्या थी ?

उत्तर: मोहन की उम्र लगभग आठ-नौ वर्ष थी।

3. मोहन कौन-सी कक्षा का विद्यार्थी था?

उत्तर: मोहन तीसरी कक्षा का विद्यार्थी था।

4. मोहन के पेट में कैसा हो रहा था?

उत्तर: मोहन कह रहा था कि उसके पेट में ऐसा-ऐसा हो रहा था।

5. मोहन की दवा पर कुल कितने रुपए खर्च हुए थे ?

उत्तर: मोहन की दवा पर कुल पंद्रह से बीस रुपए खर्च हुए थे।

लघु उत्तरीय प्रश्न  :  ( 2अंक)

1. मास्टर जी ने मोहन की क्या बीमारी बताई?

उत्तर: मास्टर जी ने कहा कि मोहन के विद्यालय का कार्य पूरा  नहीं है इसलिए यह बीमारी का नाटक कर रहा हैं।

2. मोहन की माँ ने मोहन को कौन-सी घरेलू दवा खिलाई थी?

उत्तर: मोहन की मां ने मोहन को हींग, चूरन, और पेपरमेंट खिलाया था। इसके बावजूद भी मोहन को आराम नहीं हुआ।

3. दीनानाथ ने मोहन का स्वभाव कैसा बताया?

उत्तर: दीनानाथ ने बताया कि मोहन इधर से उधर घूमता रहता है कभी इसको थप्पड़, कभी उससे झगड़ा, बहुत नटखट हैं। दिन भर पड़ोस में गुलज़ार करता रहता हैं।

4. मोहन के पिताजी ने वैद्य को कितने रुपए का नोट दिया था?

उत्तर: मोहन के पिताजी ने वैद्य को दवा देने के बदले पांच रुपए  का नोट दिया था।

5. वैद्य ने मोहन को कौन-सी दवा दी थी?

उत्तर-वैद्य जी ने मोहन को पुड़िया दी जो आधे घंटे के अंतराल पर गरम पानी के साथ लेनी थी ।

लघु उत्तरीय प्रश्न :  (3अंक)

1. मोहन के घर के विषय में लिखिए।

 उत्तर-मोहन का घर सड़क के किनारे बना एक सुंदर फ्लैट था।जिसका एक दरवाजा बरामदे में,एक दरवाजा कमरे में तथा एक दरवाजा रसोई में खुलता था।अलमारियों में किताबें सजी हुई थी।एक मेज भी था जिसपर फोन रखा हुआ था।

2. पड़ोसन ने बीमारी के बारे में क्या कहा?

उत्तर: पड़ोसन ने कहा कि “आजकल तो नई – नई बीमारियां निकल  रही हैं। देख लेना, कहीं यह भी कोई नई बीमारी ना निकले। राम-राम आजकल तो बीमारियों ने परेशान कर दिया हैं।”

3. वैद्य ने मोहन कि बीमारी के विषय में क्या कहा ?

 उत्तर: वैद्य ने कहा कि असल में यह बच्चा है इसलिए यह दर्द सह नहीं पा रहा है इसको कब्ज है और इसका पेट साफ नहीं हुआ हैं। पेट में मल रुका हुआ है जिसकी वजह से पेट में मरोड़ हो रहा होगा। वात का प्रकोप भी एक बीमारी का रूप है जो मुख्य रूप से पेट पर असर करती है। वात के प्रकोप के लक्षण निम्नलिखित है

1.पेट में गैस का अधिक बनना।

2. हमेशा थका हुआ महसूस करना।

4. मोहन की माँ क्यों घबरा रही थी ?

उत्तर: मोहन की माँ मोहन कि वजह से घबरा गई थी क्योंकि  मोहन कुछ बताता भी नहीं बस कहता कि ‘ऐसे-ऐसे’ हो रहा हैं। मोहन की मां को चिंता हो गई की मोहन को क्या हो गया है  कहीं मोहन को कोई जानलेवा बीमारी तो नहीं हो गई ।

5. बीमारी पूछने पर मोहन क्या कहता और क्या करता था?

उत्तर: बीमारी पूछने पर मोहन पेट पकड़कर कराहने लगता और कहता की पेट में ‘ऐसे-ऐसे’ हो रहा है और उल्टी करने का नाटक भी करने लगता खुलकर कुछ बताता भी नहीं और बस ऐसे ही कराहता रहता था।

दीर्घ उत्तरीय प्रश्न:  (5 अंक)

1. मोहन की असल बीमारी क्या थी ?

उत्तर: मोहन की बीमारी कि असल वजह विद्यालय से मिला कार्य था, क्योंकि मोहन ने  कार्य पूरा नहीं किया और वह कार्य न पूरा करने पर मिलने वाली सजा से डर गया था, इसलिए मोहन ने बीमारी का नाटक किया किन्तु मास्टर जी ने उसका नाटक पकड़ लिया और उसकी पोल उसके पिताजी के सामने खोल दी थी ।

2. पड़ोसन ने नई बीमारी के बारे में क्या कहा ?

उत्तर: रामू की काकी यानी, मोहन की पड़ोसन ने कहा कि “आजकल बहुत सारी नई बीमारियां आ रही थी जिनका इलाज करना मुश्किल है। नए तरह के बुखार हैं जो जल्दी से नहीं छोड़ते और बच्चे इसके ज्यादा शिकार हैं। यह राम मारी बीमारी ने तो तंग कर रखा है, और खाने की टोह पूछो ही मत।”

3. विष्णु प्रभाकर का संक्षिप्त परिचय लिखिए ।

उत्तर:  विष्णु जी का जन्म 19 जून 1912 को उत्तरप्रदेश के एक गाँव मीरापुर में हुआ था।अपने साहित्य में भारतीय वाग्मिता और अस्मिता को व्यंजित   करने के लिए प्रसिद्ध रहे हैं। विष्णु प्रभाकर जी ने कहानी,उपन्यास, नाटक, जीवनी, एकांकी, निबंध, यात्रा वृत्तांत, कविता आदि प्रमुख विधाओं में अपनी बहुमूल्य रचनाएं की हैं। प्रभाकर जी ने आकाशवाणी, दूर दर्शन, पत्र पत्रिकाओं तथा प्रकाश सम्बन्धी  मीडिया के प्रत्येक क्षेत्र में ख्याति प्राप्त है। देश विदेश की यात्रा  करने वाले विष्णुजी जीवन पर्यंत पूर्णकालिक मसिजीवी  रचनाकार के रूप में साहित्य साधना में लीन रहे थे। इनकी मृत्यु 11 अप्रैल 2009 को दिल्ली में हुई थी।

4. मोहन ने क्या – क्या खाया था? दफ्तर जाते समय उसकी तबीयत कैसी थी?

उत्तर: माँ के पूछने पर इसने क्या खाया? पिताजी ने उत्तर दिया कि इसने कुछ नहीं खाया सिवाए एक केला और एक संतरे के और दफ्तर आने तक कूदता फिरता रहा फिर बस अड्डे पर आकर कहने लगा कि पेट में ‘ऐसे- ऐसे’ हो रहा है,और तब से यही रट लगाए हुए है।

5. मोहन के पिताजी और डॉक्टर के बीच क्या बातचीत हुई थी?

उत्तर: मोहन के पिताजी ने डॉक्टर को फोन किया और पूछा-  क्या यह-४३३३२ है। जी हां! डॉक्टर ने कहा। मोहन के पिता ने कहा कि मोहन बीमार हो गया हैं और उसके पेट में ऐसे- ऐसे हो रहा हैं।  उसका चेहरा सफेद हो गया है, नाचता फिरता है। डॉक्टर ने पूछा उसे दस्त तो नहीं लग गए हैं? और पेशाब का रंग कैसा है? इसके जवाब में मोहन के पिताजी ने ये कहा “पेशाब  तो किया था पर रंग नहीं देखा। अच्छा डॉक्टर साहब आप जल्दी आ जाए।” फिर डॉक्टर घर आ जाते हैं।

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