पत्र से :
1. लेखक ने ‘प्रकृति के अक्षर किन्हें कहा है?
उत्तर: लेखक ने पेड़, पौधों, पत्थरों, नदियों, वनों, जंगलों, हड्डियों आदि को प्रकृति का अक्षर कहा है।
2. लाखों-करोड़ों वर्ष पहले हमारी धरती कैसी थी?
उत्तर: लाखों करोड़ो वर्ष पहले हमारी धरती का तापमान बहुत अधिक था, जिससे यहाँ जीवन संभव नहीं था।
3. दुनिया का पुराना हाल किन चीज़ों से जाना जाता है? कुछ चीज़ों के नाम लिखो|
उत्तर: दुनिया का पुराना हाल पर्वत, समुद्र, नदियाँ, जानवरों की हड्डियों तथा चट्टानों के माध्यम से जाना जाता है।
4. गोल, चमकीला रोड़ा अपनी क्या कहानी बताता है?
उत्तर: गोल चमकीला रोड़ा कहता है कि, मेरा जन्म एक चट्टान के टूटने से हुआ है । वर्षा के पानी में बहकर वह छोटी घाटी तक आया तथा पानी के तेज बहाव के कारण उसके कोने गोल व चमकदार हो गए।
5. गोल, चमकीले रोड़े को यदि दरिया और आगे ले जाता तो क्या होता? विस्तार से उत्तर लिखो |
उत्तर: गोल, चमकीले रोड़े को यदि दरिया और आगे ले जाता तो घिसते घिसते, वह आकार में और छोटा हों जाता तथा बालू का कण बनकर किसी समुद्र के किनारे पहुंच जाता, गोल चमकदार रोड़ा मिट्टी में मिल जाता।
6. नेहरू जी ने इस बात का हल्का सा संकेत दिया है कि दुनिया कैसे शुरू हुई होगी। उन्होंने क्या बताया है? पाठ के आधार पर लिखो
उत्तर: नेहरू जी ने बताया कि लाखों करोड़ो वर्ष पहले हमारी धरती – का तापमान बहुत अधिक था जिससे यहाँ जीवन संभव नहीं था।फिर समय के साथ तापमान कम होता गया तथा छोटे- छोटे जीवों का उद्भव हुआ, जिससे ये दुनिया शुरू हुई, उसके बाद मनुष्य का जन्म हुआ,और आज इतनी प्रगति हुई।
पत्र से आगे
1. लगभग हर जगह दुनिया कि शुरुआत को समझाती हुई कहानियाँ प्रचलित हैं, तुम्हारे यहाँ कौन सी कहानी प्रचलित है ?
उत्तर: हमारे यहाँ प्रचलित है कि, लाखों करोड़ो वर्ष पहले हमारी धरती का तापमान बहुत अधिक था, जिससे यहाँ जीवन संभव नहीं था | फिर समय के साथ तापमान कम हुआ तथा छोटे- छोटे जीवों का उद्भव हुआ, उसके बाद मनुष्य का जन्म हुआ | तथा कुछ लोगो का मानना है कि पृथ्वी का निर्माण भगवान द्वारा किया गया है। लोग ये भी कहते हैं की भगवान ने एक आदमी और एक औरत को धरती पे भेजा और उन्ही दिनों ने सारे दुनिया का निमार्ण किया।
2. तुम्हारी पसंदीदा किताब कौन-सी है और क्यों?
उत्तर: हमारी पसंदीदा किताब ‘रामायण’ है क्योंकि इससे हमें धर्म, व्यवहार आदि बातो का ज्ञान मिलता हैं, तथा जीवन के अनेक मूल्यों की जानकारी मिलती है, रामायण हमे हमारे संस्कारों से अवगत कराता है।
3. मसूरी और इलाहबाद भारत के किन प्रांतों के शहर हैं?
उत्तर: मसूरी उत्तराखंड तथा इलाहबाद उत्तर प्रदेश प्रान्त में स्थित है।
4. तुम जानते हो कि दो पत्थरों को रगड़कर आदि मानव ने आग की खोज की थी | उस युग में पत्थरों का और क्या क्या उपयोग होता था?
उत्तर: पत्थरों का प्रयोग घर बनाने, हथियार बनाने, फल तोड़ने में, जानवरों का शिकार करने में होता था।
अनुमान और कल्पना :
1. हर चीज़ के निर्माण की एक कहानी होती है, जैसे मकान के निर्माण की कहानी – कुरसी, गद्दे, रजाई के निर्माण की कहानी हो सकती है | इसी तरह वायुयान, साइकिल अथवा अन्य किसी यंत्र के निर्माण की कहानी भी होती है | कल्पना करो यदि रसगुल्ला अपने निर्माण की कहानी सुनाने लगे कि वह पहले दूध था, उसे दूध से छेना बनाया गया, उसे गोल आकार दिया गया चीनी कि चाशनी में डालकर पकाया गया | फिर उसका नाम पड़ा रसगुल्ला तुम भी किसी चीज़ के निर्माण की कहानी लिख सकते हों, इसके लिए तुम्हें अनुमान और कल्पना के साथ उस चीज़ के बारे में कुछ जानकारी भी एकत्र करनी होगी |
उत्तर: मै चाय के निमार्ण की कहानी सुनाऊंगी: चाय बनाने के लिए गैस पर पानी गर्म करके उसमे दूध मिलाया जाता है, उसके बाद चायपत्ती तथा चीनी मिलाते हैं, इसके बाद इसमें इलायची, अदरक आदि मिलाते हैं। उफान आने के साथ ही स्वादिष्ट चाय तैयार हो जाती हैं
भाषा की बात :
1. ‘इस बीच वह दरिया में लुढ़कता रहा ।’ नीचे लिखी क्रियाएँ पढ़ो क्या इनमें और ‘लुढ़कना’ में तुम्हें कोई समानता नज़र आती है? ढकेलना, गिरना, खिसकना
इन चारों क्रियाओं का अंतर समझाने के लिए इनसे वाक्य बनाओ ।
उत्तर: लुढ़कना = तूफान में चट्टान से पत्थर लुढ़क गया ।
गिरना = सीता के हाथ से किताब गिर गई।
ढकेलना = राम ने फलों की टोकरी को नीचे ढकेल दिया |
खिसकना = पलक ने प्रीती से थोड़ा सा खिसकने को कहा।
2. चमकीला रोड़ा- यहाँ रेखांकित विशेषण, ‘चमक’ संज्ञा में ‘ईला’ प्रत्यय जोड़ने पर बना है निम्नलिखित शब्दों में यही प्रत्यय जोड़कर विशेषण बनाओ और इनके साथ उपयुक्त संज्ञाएँ लिखो –
1.पत्थर…..
2.कांटा….
3.रस…….
4.ज़हर….
उत्तर:
1.पथरीला मार्ग
2.काँटीला फूल
3.रसीला फल
4.जहरीला नाग
3. ‘जब तुम मेरे साथ रहती हो, तो अक्सर मुझसे बहुत सी बातें – पूछा करती हों।”
यह वाक्य दो वाक्यों को मिलाकर बना है। इन दोनों वाक्यों को जोड़ने का काम जब तो (तब ) कर रहे हैं, इसलिए इन्हे योजक कहते हैं। योजक के रुप में कभी कोई बदलाव नहीं आता, इसलिए ये अव्यय का एक प्रकार होते हैं । नीचे वाक्यों को जोड़ने वाले कुछ और अव्यय दिए गए हैं। उन्हें रिक्त स्थानों में लिखो इन शब्दों से तुम भी एक एक वाक्य बनाओ –
बल्कि / इसलिए / परंतु / कि / यदि /तो / नकि / या / ताकि
(क) कृष्णन फ़िल्म देखना चाहता है… मैं मेले में जाना चाहती हूँ |
उत्तर: कृष्णन फ़िल्म देखना चाहता है परन्तु मैं मेले में जाना चाहती हूँ |
(ख) मुनिया ने सपना देखा… वह चंद्रमा पर बैठी है।
उत्तर: मुनिया ने सपना देखा कि वह चन्द्रमा ‘पर’ बैठी है।
(ग) छुट्टियों में हम सब… . दुर्गापुर जाएँगे… जालंधर
उत्तर: छुट्टियों में हम सभी दुर्गापुर जायेंगे ‘या’ जालंधर |
(घ) सब्ज़ी कटवा कर रखना… घर आते ही मैं खाना बना लूँ।
उत्तर: सब्ज़ी कटवा कर रखना ‘ताकि’ घर आते ही मैं खाना बना लूँ।
(ड) मुझे पता होगा कि शमीना बुरा मान जाएगी… मैं यह बात न कहती |
उत्तर: यदि मुझे पता होता कि शमीना बुरा मान जाएगी ‘तो’ मैं यह बात न कहती |
(च) इस वर्ष फ़सल अच्छी नहीं हुई है…अनाज महँगा है|
उत्तर: इस वर्ष फ़सल अच्छी नहीं हुई है ‘इसलिए’ अनाज महँगा है।
(छ) बिमल जर्मन सीखा रहा है… फ्रेंच |
उत्तर: बिमल जर्मन सीखा रहा है ‘नाकि’ फ्रेंच
कुछ करने को :
1.पास के शहर में कोई संग्रहालय हों तो वहाँ जाकर पुरानी चीजें देखो | अपनी कक्षा में उस पर चर्चा करो।
उत्तर: हमारे घर के पास एक संग्राहलय है, जहाँ पर महाराणा प्रताप के राज के समय के सिक्के, तलवारे, बंदूके, पोशाकें रखी हैं, तथा वहाँ पर महाराणा प्रताप की जीवनी के बारे में भी बताया जाता है।
सुनना और देखना:
1. एन.सी.ई.आर.टी की श्रव्य श्रंखला ‘पिता के पत्र पुत्री के नाम ।
उत्तर: एन.सी.आर.टी के द्वारा इस पुस्तक को ऑडियो रिकॉर्डिंग में किया गया है, आप सभी अवश्य ही सुने!
2. एन. सी. ई. आर. टी का श्रव्य कार्यक्रम पत्थर और पानी की कहानी ।
उत्तर: एन. सी. आर. टी के द्वारा इस कहानी का एक सुन्दर श्रव्य कार्यक्रम बनाया गया है, आप सभी उसे देख कर कहानी को और भी ज्यादा अच्छे से समझ पाएंगे।
3. ‘पिता के पत्र पुत्री के नाम’ पुस्तक पुस्तकालय से लेकर पढ़ो।
उत्तर: अपने आस पास के किसी भी पुस्तकालय में जाकर “ पिता के पत्र पुत्री के नाम” पुस्तक जरूर पढ़े।
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