Summary and Explanation Class 6th Poem 3 The Quarrel

Poem 3: The Quarrel by Eleanor Farjeon
CBSE Class 6 English (Honeysuckle Book) Poem 3 – The Quarrel, written by Eleanor Farjeon, is a beautiful depiction of how a simple disagreement between siblings can escalate quickly but also resolve just as easily with a small gesture of kindness. The poem highlights the common sibling quarrels and how love and understanding always prevail in the end.


Introduction to “The Quarrel”

Sibling quarrels are a part of growing up. Often, these disagreements start without any real reason and end just as unexpectedly, with love bringing everything back to normal. This poem perfectly captures the essence of such quarrels, reminding us how small issues can become big but can be resolved with a kind act.


Summary of “The Quarrel” Poem

In this poem, the poet explains how a quarrel between two siblings begins over nothing and escalates into something bigger. The quarrel started for a trivial reason, and soon both the poet and her brother were fighting without knowing why. Although the disagreement began as a small issue, it turned serious as the day progressed. Both siblings believed they were right, even though deep down, the poet knew she was wrong. The afternoon felt gloomy as the quarrel continued.

However, in a moment of generosity, the brother hit her playfully on the back and admitted that he was wrong. His honesty and willingness to resolve the issue touched the poet, and peace was restored between them.


Poem Text with Explanation

Poem:

I quarrelled with my brother
I don’t know what about,
One thing led to another
And somehow we fell out.
The start of it was slight,
The end of it was strong,
He said he was right,
I knew he was wrong!

Word Meanings:

  • Slight: Small, modest
  • Quarrelled: Fought

Explanation:
The poet narrates a quarrel she had with her brother, without even knowing the reason for it. The quarrel began with something trivial and kept escalating. In the beginning, it was a minor issue, but as the day went on, it turned serious. The brother insisted he was right, but the poet thought otherwise, even though she knew in her heart she might be wrong.


Poem (Continued):

We hated one another.
The afternoon turned black.
Then suddenly my brother
Thumped me on the back,
And said, “Oh, come along!
We can’t go on all night —
I was in the wrong.”
So he was in the right.

Word Meanings:

  • Thumped: Hit
  • Turned black: Became unpleasant

Explanation:
By afternoon, the quarrel had turned serious, and both siblings were filled with anger. They hated each other and refused to make peace. But suddenly, the poet’s brother playfully hit her on the back and admitted that he was wrong. His generous gesture and honest confession melted the tension between them, and peace was restored.


Conclusion

The poem beautifully portrays the ups and downs of sibling relationships. Quarrels are a natural part of family life, but love and understanding always triumph in the end. It teaches us that admitting when we are wrong and forgiving one another is the key to resolving conflicts.

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द क्वारेल – कक्षा 6 अंग्रेज़ी कविता सारांश और व्याख्या | CBSE Janta

कविता 3: द क्वारेल – एलेनोर फार्जॉन द्वारा
CBSE कक्षा 6 अंग्रेज़ी (Honeysuckle Book) की कविता 3 – द क्वारेल, जिसे एलेनोर फार्जॉन द्वारा लिखा गया है, भाई-बहन के बीच एक साधारण बहस को दर्शाती है, जो जल्दी बढ़ जाती है, लेकिन छोटे से दयालु कार्य से फिर से सुलझ जाती है। यह कविता इस बात को उजागर करती है कि कैसे छोटे-छोटे मुद्दों पर भाई-बहन झगड़ते हैं, लेकिन अंत में प्यार और समझदारी से सब कुछ सामान्य हो जाता है।


“द क्वारेल” का परिचय

भाई-बहन के बीच झगड़े होना सामान्य बात है। अक्सर, ये बहसें बिना किसी असली कारण के शुरू होती हैं और उतनी ही जल्दी खत्म हो जाती हैं, जब प्रेम सब कुछ फिर से ठीक कर देता है। यह कविता ऐसी ही बहसों के सार को पकड़ती है, हमें याद दिलाती है कि छोटे मुद्दे कैसे बड़े हो जाते हैं, लेकिन एक दयालुता के साथ सुलझ भी जाते हैं।


“द क्वारेल” कविता का सारांश

इस कविता में, कवि समझाते हैं कि कैसे दो भाई-बहनों के बीच बिना किसी कारण से झगड़ा शुरू होता है और धीरे-धीरे बड़ा बन जाता है। झगड़ा किसी मामूली कारण से शुरू हुआ और जल्द ही दोनों भाई-बहन लड़ रहे थे, यह भी जाने बिना कि वे किस बात पर झगड़ रहे हैं। हालांकि यह बहस छोटे मुद्दे से शुरू हुई थी, पर दिन के गुजरते-गुजरते यह गंभीर हो गई। दोनों ने सोचा कि वे सही थे, भले ही दिल में कवि जानती थी कि वह गलत थी। दोपहर का समय भारी लग रहा था क्योंकि झगड़ा जारी था।

हालांकि, अचानक, कवि के भाई ने उसकी पीठ पर हल्का सा मारा और यह स्वीकार किया कि वह गलत था। उसकी ईमानदारी और झगड़े को खत्म करने की इच्छा ने कवि का दिल छू लिया, और दोनों के बीच शांति स्थापित हो गई।


कविता पाठ और व्याख्या

कविता:

मैंने अपने भाई से झगड़ा किया
मुझे नहीं पता किस बारे में,
एक बात से दूसरी बात जुड़ गई
और हम दोनों अलग हो गए।
शुरुआत मामूली थी,
अंत था जोरदार,
उसने कहा कि वह सही था,
मैं जानती थी कि वह गलत था!

शब्द अर्थ:

  • स्लाइट (Slight): छोटा, मामूली
  • झगड़ा किया (Quarrelled): लड़ा

व्याख्या:
कवि अपने भाई के साथ हुए झगड़े को बता रही है, जिसके कारण का उसे भी पता नहीं था। झगड़ा एक छोटी सी बात से शुरू हुआ और धीरे-धीरे बढ़ता गया। शुरू में यह मामूली था, लेकिन जैसे-जैसे दिन बीता, यह गंभीर हो गया। भाई ने कहा कि वह सही था, लेकिन कवि सोच रही थी कि वह खुद सही थी, भले ही उसे अंदर से एहसास था कि शायद वह गलत थी।


कविता (जारी):

हम एक-दूसरे से नफरत करने लगे।
दोपहर का समय भारी हो गया,
फिर अचानक मेरे भाई ने
मेरी पीठ पर हल्का सा मारा,
और कहा, “ओह, साथ आओ!
हम रात भर ऐसे नहीं रह सकते —
मैं गलत था।”
तो वह सही था।

शब्द अर्थ:

  • थम्प्ड (Thumped): मारा
  • ब्लैक (Black) हो गया: अप्रिय हो गया

व्याख्या:
दोपहर तक, झगड़ा गंभीर हो गया और दोनों गुस्से से भर गए। वे एक-दूसरे को पसंद नहीं कर रहे थे और शांति की कोई उम्मीद नहीं थी। लेकिन अचानक कवि के भाई ने उसे हल्का सा मारा और मान लिया कि वह गलत था। उसकी ईमानदारी और विनम्रता ने दोनों के बीच झगड़े को खत्म कर दिया और दोनों के बीच फिर से शांति स्थापित हो गई।


निष्कर्ष

यह कविता खूबसूरती से भाई-बहन के रिश्तों के उतार-चढ़ाव को दर्शाती है। झगड़े परिवार का एक सामान्य हिस्सा हैं, लेकिन अंत में प्यार और समझदारी ही जीतती है। यह हमें सिखाती है कि कब हमें अपनी गलती स्वीकार करनी चाहिए और एक-दूसरे को माफ करना चाहिए, यही झगड़े सुलझाने की कुंजी है।

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